तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन बैन; गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत की कार्रवाई
Tehreek e Hurriyat Ban: तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर की स्थापना 7 अगस्त 2004 में हुई थी. अलगाववादी लीडर गिलानी ने अपनी पूर्व पार्टी जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ने के बाद पार्टी की स्थापना की थी.
Tehreek e Hurriyat Ban: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन को बैन कर दिया है. गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत कार्रवाई की है. इस संगठन के ऊपर राज्य में आतंकवाद, अलगाववाद और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का इल्जाम है. तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर का एक राजनीतिक दल था, जिसकी स्थापना अलगावादी लीडर सैयद अली शाह गिलानी ने की थी.
तहरीक-ए-हुर्रियत संगठन पर UAPA के तहत कार्रवाई
गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी 31 दिसंबर को ऐलान किया कि कश्मीरी अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर को गैरकानूनी गतिविधियां UAPA के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. यह संगठन जम्मू-कश्मीर को इंडिया से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है.
गृह मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रयी गृह मंत्री ने कहा, "यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए इंडिया विरोधी प्रोपेगेंडा फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां को जारी रखे हुए है. दहशतगर्द के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी की जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी शख्स या संगठन को तुरंत खत्म कर दिया जाएगा."
इस दिन हुई थी तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर की स्थापना
तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर की स्थापना 7 अगस्त 2004 में हुई थी. अलगाववादी लीडर गिलानी ने अपनी पूर्व पार्टी जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ने के बाद पार्टी की स्थापना की थी. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में विभाजन के बाद पार्टी के गठन के बाद से सैयद अली शाह गिलानी 15 साल तक प्रमुख पद पर रहे. साल 2019 में गिलानी के पद छोड़ने के बाद मोहम्मद अशरफ सेहराई चीफ बने. अशरफ सहराई की साल 2021 में कोविड से मौत हो गई थी.
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