Tejashwi Yadav case: गुजरातियों के बारे में दिए गए कथित बयान को लेकर तेजस्वी यादव के उपर चल रहे केस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी दी है. केस को लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा, "जब तेजस्वी यादव ने बयान वापस ले लिया है तो मुकदमा क्यों जारी रहे?" बतां दें 'केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं' वाली उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की कथित टिप्पणी को लेकर अहमदाबाद की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला लंबित है, जिसको गुजरात के बाहर दिल्ली भेजने की गुज़ारिश की गई थी. न्यायमूर्ति AS ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने पिटीशनर के वकील को वक्त दिए जाने की मांग करने के बाद मामले पर सुनवाई टाल दी है. 


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मुकदमा क्यों जारी रखना चाहिए: कोर्ट 
सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा  ‘‘जब तेजस्वी यादव ने अपना बयान वापस ले लिया है तो मानहानि का मुकदमा जारी क्यों रखा जाए? आप निर्देश लें वरना हम सेक्शन 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे’’ सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा, "पिटीशनर के वकील ने 19 जनवरी को तेजस्वी द्वारा दर्ज कराए बयान पर जवाब देने के लिए वक्त मांगा है. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी." सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए आपराधिक मानहानि की शिकायत में सुनवाई पर रोक लगा दी थी और याचिका दायर करने वाले गुजरात निवासी को नोटिस भेजा था. 


क्या है तेजस्वी के खिलाफ़ मामला?
तेजस्वी यादव ने साल 2023 में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि  "वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी को माफ कर दिया जाएगा" बिहार के डिप्टी CM ने कथित तौर पर पूछा था, "अगर वे LIC या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?" इस बयान के ख़िलाफ़ गुजरात निवासी हरेश मेहता ने गुजरात की एक ज़िला कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी. अगस्त में IPC की धारा 202 के तहत कोर्ट ने तेजस्वी यादव के खिलाफ शुरुआती जांच की थी और उन्हें तलब किया था. मेहता नेआरोप लगाया था कि यादव की टिप्पणी ने सभी गुजरातियों को ठेस पहुंचाई है.