Pakistan News: UN समर्थित स्वतंत्र विशेषज्ञों ने आज यानी 25 जुलाई को पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमान के खिलाफ बढ़ते भेदभाव और हिंसा पर चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही अधिकारियों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुजारिश की है. ये विशेषज्ञ मानवाधिकार परिषद के अधीन काम करते हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नहीं बोलते हैं.


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हिंसा को लेकर जताई चिंता
उन्होंने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा, "अहमदियों के प्रति भेदभाव और हिंसा की रिपोर्ट से उन्हें हालात की गंभीरता का पता चलता है. अहमदिया मुसलमान मिर्जा गुलाम के अनुयायी है, जिन्होंने एक ‘इस्लामी मसीहाई’ आंदोलन शुरू किया था, जिसकी शुरुआत 19वीं सदी के आखिर में हुई थी. विशेषज्ञों ने कहा, "हम पाकिस्तान के अधिकारियों से अपील करते हैं कि तत्काल स्थिति का समाधान करने के लिए कदम उठाएं.’’


इस महीने हुई थी हिंसा
उन्होंने इस महीने की शुरुआत में हुई दो घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें अहमदिया समुदाय के दो लोगों की हत्या कर दी गई. पुलिस ने उस वक्त कहा था कि उसने हमलावरों को गिरफ्तार किया है. इस पर विशेषज्ञों ने विज्ञप्ति में अहमदिया समुदाय के लोगों को मनमाने तरीके से गिरफ्तार करने और उन्हें उनके धार्मिक उत्सवों में शामिल होने से रोकने के आरोपों पर चिंता जताई है.


पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम घोषित हैं अहमदिया
उन्होंने कहा, ‘‘अहमदिया को अधिकार है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपने मत का अनुपालन करें और इसका सम्मान किया जाना चाहिए.’’ पाकिस्तान की पार्लियामेंट ने साल 1974 में अहमदिया को गैर मुस्लिम करार दिया, तब से ही उन्हें लगातार इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। अहमदिया के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों द्वारा निंदा की जा रही है.