BJP on Deputy Speaker: लोकसभा डिप्टी स्पीकर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. जराए ने दावा किया है कि कई दलों की मांग के बावजूद केंद्र और विपक्ष के बीच लोकसभा के लिए डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था TMC ने सरकार से सपा के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद को लोकसभा का डिप्टी स्पीकर नियुक्त करने की गुजारिश की है. इस मांग का अब आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन किया है.


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एनडीए गठबंधन ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने लोकसभा में उपाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए खुलापन व्यक्त किया है, लेकिन इलेक्शन के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है. एनडीए ने विपक्ष के इस गुजारिश की आलोचना की है कि उसके उम्मीदवार को यह पद दिया जाना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि डिप्टी स्पीकर के इलेक्शन के दौरान ऐसी पूर्व शर्त पर विचार नहीं किया जा सकता है.


कांग्रेस ने किया बड़ा दावा
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया। 17वीं लोकसभा के बाद से उपाध्यक्ष का पद खाली पड़ा है. ऐतिहासिक रूप से विपक्ष अक्सर इस पद पर रहा है, लेकिन बीजेपी ने कहा कि हमेशा ऐसा नहीं होता है. विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया है कि उसके किसी सदस्य को निचले सदन में यह पद मिलना चाहिए. हालांकि, डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए अभी तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है, जिससे इस पद को लेकर चल रही राजनीतिक खींचतान और तेज हो गई है.


डिप्टी स्पीकर पद इतना अहम क्यों
लोकसभा में जितना स्पीकर का पद अहम है, उतना ही डिप्टी स्पीकर का पद अहम है. संविधान का अनुच्छेद 95 के मुताबिक, स्पीकर का काम डिप्टी स्पीकर उस वक्त संभालता है, जब स्पीकर का पद खाली हो या फिर स्पीकर सदन में मौजूद न हो. अगर दोनों में कोई नहीं होता है, तो राष्ट्रपति की तरफ से नियुक्त लोकसभा सांसद सदन की कार्यवाही को संभालता है. संविधान में जो स्पीकर को शंक्तियां दी गई है, उतना ही शक्ति डिप्टी स्पीकर को दी गई है.