पेट्रोल महंगा होने पर इस शख्स ने बेची बाइक; ढूँढा इसका सस्ता विकल्प, क्या आप भी आजमाएंगे ये साधन
ईंधन के बढ़ते दामों से परेशान महाराष्ट्र के औरंगाबाद के शेख युसुफ ने अपनी बाइक बेचकर एक घोड़ा खरीद लिया है और वह रोजना उसी से अपने आॅफिस आना-जाना कर रहे हैं.
औरंगाबादः मोटरसाइकिल के रख-रखाव में आ रही दिक्कतों और ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान एक व्यक्ति ने आवागमन के पुराने जमाने के एक तरीके का इस्तेमाल करने का फैसला करते हुए घोड़े से अपने कार्यस्थल जाना शुरू कर दिया है. औरंगाबाद में डीजल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर से कुछ ही पैसे कम हैं और पेट्रोल के दाम 115 रुपए प्रति लीटर से पार चले गए हैं. पेट्रोल की कीमत में इतवार को 50 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 55 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. एक हफ्ते से भी कम समय पहले दैनिक मूल्य संशोधन फिर से शुरू होने के बाद से दरों में कुल वृद्धि 3.70-3.75 रुपये प्रति लीटर हो गई.
मोटरसाइकिल का रख-रखाव एक समस्या बन गया था
ईंधन के बढ़ते दाम से परेशान शेख युसुफ ने मोटरसाइकिल त्यागकर अपने घर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित अपने कार्यस्थल पर घोड़े से जाना शुरू किया है. उन्होंने कोविड-19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान ऐसा करना शुरू किया था. युसुफ ने कहा कि लॉकडाउन के बाद गैराज लंबे समय तक बंद रहे और मोटरसाइकिल का रख-रखाव एक समस्या बन गया था. इसके अलावा ईंधन के दाम भी बढ़ रहे हैं, इसलिए मैंने अपने वाहन को अलग रख दिया और एक काठियावाड़ी घोड़ा खरीदा.
रोज 30 किलोमीटर की यात्रा घोड़े से करते हैं पूरी
शेख ने बताया कि वह अब (घर और कार्यस्थल के बीच) रोज 30 किलोमीटर की यात्रा घोड़े से करते हैं और घर का सामान लेने एवं पारिवारिक समारोहों में भी घोड़े पर ही बैठकर जाते हैं. युसुफ ने कहा, ‘‘घोड़े से यात्रा करना मोटरसाइकिल से सफर करने की तुलना में निश्चित ही सस्ता है. इसके अलावा मोटरसाइकिल पर यात्रा करते समय, हम केवल यूं ही घूमते रहते हैं, क्योंकि इसे चालू करने के लिए केवल एक किक की आवश्यकता होती है, लेकिन कहीं आने-जाने के लिए घोड़े का इस्तेमाल करते हुए हम उसकी सेहत और अपने स्वास्थ्य के बारे में भी सोचते हैं.’’
शेख ने घुड़सवारी के गिनाए फायदे
शेख पेशे से एक लैब असिस्टेंट हैं और वह वाइबी चैहान आॅफ फाॅर्मेसी में नौकरी करते हैं. उन्होंने अपनी पुरानी बाइक बेचने के बाद 40 हजार में घोड़ा खरीदा है. उन्होंने घोड़े का नाम जिगर रखा है. शेख ने कहा कि घोड़ा रखना काफी सस्ता है. इसकी सवाड़ी के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं है. न इसका बीमा कराना है और न ही कोई पाॅल्यूशन प्रमाणपत्र चाहिए इसके लिए. बस घोड़े को घास खिलाना है और इसकी सवाड़ी करनी है. इसमें हेलमेट पहनने की भी कोई बंदिश नहीं है. घुड़सवारी से इंसान की सेहत भी ठीक रहती है.
बच्चे हाथ हिलाकर करते हैं अभिवादन
शेख ने कहा, ‘‘जब मैं घोड़े पर सवार होकर कहीं जाता हूं, तो महंगी कारों में यात्रा कर रहे बच्चे कभी-कभी मेरी ओर हाथ हिलाते हैं और मुझे अच्छा लगता है.’’ बच्चे तो बच्चे हैं बड़े लोग भी उन्हें देखकर खुश होते हैं. लोगों के लिए ये कौतुहल का विषय है. कई लोग हमसे घोड़े की सवारी और घोड़े की कीमत के बारे में पूछते हैं.’’ शेख का कहना है कि ईंधन की कीमती हर चीज को प्रभावित करती है. उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतें कम होने पर ही विभिन्न वस्तुओं के बढ़ते दाम को काबू किया जा सकता है.
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