Tripura Assembly Election: त्रिपुरा असेंबली इलेक्शन के लिए गुरुवार को वोट डाले जाएंगे. राज्य की 60 असेंबली सीटों पर कुल 259 उम्मीदवार अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं. राज्य में दोबारा से वापसी के लिए बीजेपी ने प्रचार में पूरी ताक़त झोंक दी है, जबकि त्रिपुरा में एक-दूसरे के विरोधी रहे लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस मिलकर इलेक्शन लड़ रहे हैं. प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन की नई पार्टी टिपरा मोथा पहली बार इंतेख़ाबी मैदान में है. इस तरह बीजेपी के सामने कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन से लेकर टिपरा मोथा और टीएमसी जैसी कई बड़ी चुनौतियां है.


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सीएम समेत कई क़द्दावर मैदान में
त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में कई बड़े चेहरे अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं. राज्य के सीएम माणिक साहा इस इलेक्शन में एक बार फिर से टाउन बोरडोवली असेंबली सीट से चुनावी मैदान में हैं. माणिक साहा कांग्रेस के पूर्व सदस्य रहे हैं. रियासत के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के इस्तीफा देने के बाद साहा को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई थी. राजीव भट्टाचार्य त्रिपुरा बीजेपी के चीफ़ हैं. भट्टाचार्य इस इलेक्शन में बनमालीपुर असेंबली इलाक़े से इलेक्शन लड़ रहे हैं.  2018 के इलेक्शन में इस सीट से बीजेपी के बिप्लब कुमार देब ने जीत दर्ज कराई थी. कांग्रेस-लेफ्ट पांच साल पहले अलग-अलग इलेक्शन लड़ी थी, लेकिन अब दोनों के साथ आने से बीजेपी के लिए राह आसान नहीं है.


बीजेपी पर भय का माहौल बनाने का इल्ज़ाम
वहीं कांग्रेस ने त्रिपुरा में बीजेपी पर भय का माहौल पैदा करने का इल्ज़ाम लगाया है. कांग्रेस ने त्रिपुरा चुनाव के लिए वोटिंग से एक दिन पहले बुधवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि रियासत के मतदाताओं में डर का माहौल दूर करने के लिए समय रहते ठोस क़दम उठाया जाए. पार्टी के सीनियर लीडर मुकुल वासनिक की अगुवाई में कांग्रेस के एक डेलिगेशन ने आयोग से शिकायत की. इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा, प्रणव झा और कुछ दूसरे लीडर शामिल थे. बता दें कि त्रिपुरा की सभी 60 विधानसभा सीटों के लिए 16 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, जबकि 2 मार्च को नतीजों का ऐलान किया जाएगा.


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