ट्विटर ने राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं के अकाउंट को किया अनलॉक
ट्विटर अकाउंट लॉक होने के कारण राहुल गांधी ने 6 अगस्त के बाद इस प्लेटफॉर्म पर कोई पोस्ट नहीं किया है.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने शनिवार को कांग्रेस और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही दूसरे कई लोगों का अकाउंट अनलॉक कर दिया है. ट्विटर ने उसकी नीतियों की खिलाफवर्ज़ी करने की वजह से कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और दूसरे कई लोगों के अकाउंट को आर्जी तौर से ब्लॉक कर दिया था.
पार्टी का अकाउंट खुलने के बाद कांग्रेस ने कहा,'सत्यमेव जयते.' वहीं, सूत्रों के मुताबिक, ट्विटर ने अकाउंट्स तो अनलॉक कर दिए हैं, लेकिन पुराने ट्वीट्स को होल्ड कर दिया है. माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने नीतियों के उल्लंघन के लिए इन अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि हुकूमत के इशारे पर ऐसा किया जा रहा है.
ट्विटर अकाउंट लॉक होने के कारण राहुल गांधी ने 6 अगस्त के बाद इस प्लेटफॉर्म पर कोई पोस्ट नहीं किया है. इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने अपना ट्विटर अकाउंट लॉक किए जाने को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि ट्विटर कंपनी देश की राजनीति में पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रही है.
ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ी आतंकी साजिश नाकाम, जैश ए मोहम्मद के 4 आतंकी गिरफ्तार
राहुल ने वीडियो बयान में कहा था, 'मेरे ट्विटर अकाउंट को बंद करके वे हमारी सियासी अमल में रुकावट डाली जा रही है.' उन्होंने कहा था, 'एक कंपनी हमारी सियासत का दायरा तय करने के लिए अपने कारोबार का इस्तेमाल कर रही है. एक नेता के तौर पर मैं इसे पसंद नहीं करता. यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है. यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'एक कंपनी हमारी राजनीति का दायरा तय करने के लिए अपने कारोबार का इस्तेमाल कर रही है. एक नेता के तौर पर मैं इसे पसंद नहीं करता. यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है. यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है.'
उन्होंने ये भी कहा कहा था कि मैंने सोचा था कि यह उम्मीद एक रोशनी है, जहां हम ट्विटर पर अपने विचार रख सकते थे. लेकिन यह बात नहीं है. अब यह साफ है कि ट्विटर तटस्थ एवं उद्देश्यात्मक मंच नहीं है. यह एक जानिबदार मंच है. यह वही सुनता है, जो सरकार कहती है.'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि भारतीय होने के नाते, हमें यह सवाल पूछना होगा : क्या हम कंपनियों को अपनी राजनीति तय करने का अधिकार दे सकते हैं, क्योंकि हुकूमत उसके साथ है? क्या हम अपनी राजनीति को खुद डिफाइन (परिभाषित) करना चाहते हैं? यहीं असली सवाल है.'
(इनपुट- आईएएनएस)
Zee Salaam Live TV: