Assam News: असम विधानसभा में दो विपक्षी विधायकों को आज यानी 23 फरवरी को कुछ वक्त के लिए सस्पेंड कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को एक्सेप्ट नहीं किया और एजुकेशन डिपार्टमेंट में विसंगतियों के संबंध में मुद्दे उठाना जारी रखा. बागबोर से कांग्रेस के विधायक शर्मन अली अहमद को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान निलंबित कर दिया गया.


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उन्होंने हाल ही में आयोजित स्कूल मूल्यांकन प्रणाली 'गुणोत्सव' में ‘गंभीर अनियमितताओं’ के मुद्दे को उठाया था. एक समाचारपत्र में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने सरकार की निंदा की और कहा कि बारपेटा जिले के मांडिया में एक चौकीदार, स्कूल शिक्षक बनकर घूम रहा था. एजुकेशन मिनिस्टर रनोज पेग्यू ने अहमद के सवालों का जवाब दिया लेकिन विपक्षी सदस्य उनके जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे. 


पेग्यू के जवाब के बाद, अहमद ने शिक्षा विभाग की आलोचना करना जारी रखा और जवाबदेही तय किए जाने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने उनसे यह कहते हुए बार बार अपनी सीट पर बैठने का गुजारिश की कि मंत्री जवाब दे चुके हैं और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अनुपूरक प्रश्न पूछने का कोई प्रावधान नहीं है. 


जब अहमद ने फैसले का पालन नहीं किया और मंत्री के जवाब पर आपत्ति जताना जारी रखा, तो दैमारी ने सदस्य को निलंबित कर दिया।. एआईयूडीएफ विधायक अशरफुल हुसैन ने अध्यक्ष के आदेश पर विरोध जताया और पूछा कि अहमद को क्यों सस्पेंड किया गया है, जबकि वह राज्य की शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाला एक ‘बहुत महत्वपूर्ण’ मुद्दा उठा रहे थे. 


दैमारी ने कहा, ‘‘मुझसे बहस करने वाले आप होते कौन हैं? आपको भी निलंबित किया जाता है.’’ इसके बाद मार्शल दोनों विधायकों की सीटों के पास जाकर उन्हें अपने साथ बाहर ले गए. अध्यक्ष ने दस मिनट के भीतर ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा समाप्त होने के बाद अहमद और हुसैन को कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत दे दी.