Uddhav Thackeray: बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ फैसला सुनाते हुए फ्लोर टेस्ट नहीं कराए जाने के खिलाफ अर्ज़ी खारिच कर दी थी. यह याचिका अदालत में तब लगाई गई थी जब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने महा विकास अघाड़ी सरकार को शक्ति परीक्षण करने का निर्देश दिया था.


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फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव किया. इसमें उद्धव ने कहा कि "फ्लोर टेस्ट से मतलब नहीं है. मैं CM पद छोड़ रहा हूं." उद्धव ने कहा "मेरे पास शिवसेना है और कोई मुझसे इसे छीन नहीं सकता." उद्धव ने आगे कहा कि "जिनको बहुत कुछ दिया उन्होंने मेरा साथ छोड़ दिया. जिनको कुछ नहीं दिया वह अब भी मेरे साथ खड़े हैं." उन्होंने कहा कि "मैं नहीं चाहता कि कल शिवसैनिकों का खून बहे और वे सड़क पर उतरें. इसलिए मैं कुर्सी छोड़ रहा हूं."


उद्धव ने कहा कि "SC ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है. मैं संतुष्ट हूं कि हमने अधिकारिक तौर पर औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है." 


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ख्याल रहे कि महाराष्ट्रा का नाटकीय घटनाक्रम उस दिन शुरू हुआ जिस दिन एकनाथ शिंदे करीब एक दर्जन विधायकों समेत गुजरात पहुंचे. इसके बाद वह यहां से गुवाहाटी पहुचे. गुवाहाटी पहुंच कर शिंदे ने दावा किया कि उनके पास 40 शिवसेना के विधायक हैं. इसके बाद उद्धव सरकार अल्पमत में आ गई. बताया जाता है कि एकनाथ शिंदे चाहते थे कि उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार से निकल कर भाजपा से गठबंधन करें. कई घटनाक्रमों के बाद महाराष्ट्र के उपराज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने उद्धव सरकार को शक्ति प्रदर्शन का निर्देश दिया. इस निर्देश के खिलाफ अद्धव सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची. लेकिन यहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी. इसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 


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