Ujjain Name Plate on Shops: उज्जैन नगर निगम ने शनिवार को दुकान मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर अपना नाम और मोबाइल नंबर चस्पा करने का निर्देश दिया गया है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब ये मामला मध्य प्रदेश भी पहुंच गया है.


नहीं करने वालों पर जुर्माना


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उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि पहली बार उल्लंघन करने वालों पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और दूसरी बार आदेश की अवहेलना करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. बीते रोज इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला ने सीएम को खत लिखकर कहा था कि मध्य प्रदेश में भी दुकानों पर नाम चस्पा किए जाएं. इसके पीछे रमेश ने दलील दी थी कि इससे रोजगार में कॉम्पीटीशन बढ़ेगा और नाम किसी की भी पहना का अहम हिस्सा है.


उत्तर प्रदेश में फरमान लागू


यह आदेश उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के जरिए राज्य भर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के लिए जारी किए गए इसी प्रकार के निर्देश के बाद आया है, जिसकी विपक्ष और उसके कुछ सहयोगियों ने आलोचना की थी.


टटवाल ने दावा किया कि यह आदेश मध्य प्रदेश दुकान स्थापना अधिनियम या गुमास्ता लाइसेंस पर आधारित है और ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इसे लागू किया जा रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई को मेयर ने कहा,"उज्जैन एक धार्मिक और पवित्र शहर है. लोग धार्मिक आस्था के साथ यहां आते हैं. उन्हें उस दुकानदार के बारे में जानने का अधिकार है जिसकी सेवाएं वे ले रहे हैं. अगर कोई ग्राहक असंतुष्ट है या उसके साथ धोखा हुआ है, तो दुकानदार के बारे में जानकारी होने से उसे अपनी शिकायत का निवारण करने में मदद मिलती है."


पहले की करने वाले थे लागू


उन्होंने कहा,"सभी औपचारिकताएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं. कार्यान्वयन में देरी हुई क्योंकि शुरू में नेमप्लेट्स का आकार और रंग एक जैसा होना ज़रूरी था. अब हमने इन शर्तों में ढील दे दी है. दुकानदारों के नाम और मोबाइल नंबर दिखाना ही पर्याप्त होगा.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का गृहनगर उज्जैन अपने पवित्र महाकाल मंदिर के लिए जाना जाता है. यह शहर दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, खासकर सावन महीने के दौरान, जो सोमवार, 22 जुलाई से शुरू होता है.


उत्तर प्रदेश पुलिस का फरमान


इस सप्ताह की शुरुआत में, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम "स्वेच्छा से प्रदर्शित" करने प्रदर्शित करने की गुजारिश की थी, साथ ही कहा कि इस आदेश का उद्देश्य किसी भी तरह का "धार्मिक भेदभाव" पैदा करना नहीं है, बल्कि केवल भक्तों की सुविधा के लिए है.


सहारनपुर और शामली में भी पुलिस ने इसी तरह के आदेश जारी किए. उत्तराखंड पुलिस ने भी हरिद्वार में इसी तरह का आदेश जारी किया. बाद में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे राज्य में कांवड़ यात्रा मार्गों पर इस निर्देश को लागू कर दिया.