Kanwar Yatra Controversy: कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होगी, लेकिन उससे पहले ही उत्तराखंड सरकार अलर्ट मोड पर है. कांवड़ यात्रा के मद्देनजर सरकार की तरफ से पूरी तैयारियां हो चुकी है. इस बीच हरिद्वार पुलिस ने कावड़ यात्रा को लेकर मकामी व्यापारियों के साथ बैठक की. 


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बंद रहेंगी सभी मीट की दुकानें
इस बैठक में उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानें बंद रखने का फैसला किया है. हरिद्वार की ज्वालापुर पुलिस ने व्यापारियों के साथ एक बैठक में कांवड़ यात्रा को लेकर कई मानदंड तय किए हैं. इसमें एक फैसला लिया गया कि हरिद्वार के उपनगर ज्वालापुर, दूसरे इलाकों में कांवड़ यात्रा के दौरान मांस की दुकानें बंद रहेंगी. इस पर मकामी व्यापारियों ने भी सहमति जताई है.


अपर पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा?
वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मेहरा ने बताया, "होटल, रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप समेत दूसरे व्यापारियों के साथ बैठक की गई है. उन्हें प्रशासन के निर्देशों के बारे में जानकारी दी गई है. पुलिस प्रशासन का एक ही मकसद है कि जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनी रहे. कांवड़ मेले को सफल बनाने के लिए प्रशासन की ओर से इंतजाम भी किए गए हैं."


उन्होंने आगे कहा, "नगर निगम की तरफ से हर साल निर्देश जारी किए जाते हैं. इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें मांस की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया गया है. पुलिस ये सुनिश्चित करेगी कि कांवड़ मेले के दौरान मांस की दुकानें बंद रहे. इसके अलावा पुलिस की तरफ से कावड़ मेले में ट्रैफिक की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई. ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए स्थानीय व्यापारी और समाजसेवियों की मदद ली जाएगी."


नेमप्लेट लगाने का दिया निर्देश
वहीं, व्यापारियों ने पुलिस प्रशासन को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कांवड़ मेले के बाद पुलिस सम्मान समारोह आयोजित करने की बात कही है. उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ मेले के दौरान यात्रा मार्ग पर दुकानदारों, रेहड़ी और ठेले वालों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बयान में कहा कि इस फैसले से असामाजिक तत्वों पर रोक लगेगी.