Ummeed Hindi Shayari: किसी ने ठीक ही कहा है कि 'उम्मीद एक जिंदा शब्द है'. उम्मीद टूटने से इंसान मरता है और उम्मीद के सहारे ही इंसान जिंदा रहता है. आशिक माशूक एक दूसरे से उम्मीद करते हैं कि वह उन्हें बेपनाह मोहब्बत देंगे. लेकिन जब ये उम्मीद पूरी नहीं होती तो मायूसी होती है. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं उम्मीद पर बेहतरीन शेर. पढ़ें:


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न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद 
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था 
फ़िराक़ गोरखपुरी


दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है 
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़


उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती 
वा'दा न वफ़ा करते वा'दा तो किया होता 
चराग़ हसन हसरत


वो उम्मीद क्या जिस की हो इंतिहा 
वो व'अदा नहीं जो वफ़ा हो गया 
अल्ताफ़ हुसैन हाली


इसी उम्मीद पर तो जी रहे हैं हिज्र के मारे 
कभी तो रुख़ से उट्ठेगी नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता 
हाशिम अली ख़ाँ दिलाज़ाक


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तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए 
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए 
फ़ना निज़ामी कानपुरी


एक उम्मीद से दिल बहलता रहा
इक तमन्ना सताती रही रात भर
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़


पूरी होती हैं तसव्वुर में उमीदें क्या क्या 
दिल में सब कुछ है मगर पेश-ए-नज़र कुछ भी नहीं 
लाला माधव राम जौहर


बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो 
बहुत दुख सह लिए मैं ने बहुत दिन जी लिया मैं ने 
साहिर लुधियानवी


मुझ को औरों से कुछ नहीं है काम 
तुझ से हर दम उमीद-वारी है 
फ़ाएज़ देहलवी


बिछड़ के तुझ से मुझे है उमीद मिलने की 
सुना है रूह को आना है फिर बदन की तरफ़ 
नज़्म तबातबाई


रख न आँसू से वस्ल की उम्मीद 
खारे पानी से दाल गलती नहीं 
शेख़ क़ुद्रतुल्लाह क़ुदरत


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