उत्तराखंड में UCC को अमलीजामा पहनाने की दिशा में बड़ा कदम; 5 सदस्यीय कमेटी गठित
Uttarakhand News: समान नागरिक संहिता उत्तराखंड कानून 2024 के नियमावली को तैयार करने और इसे लागू कराने के लिए अब सरकार के जरिए एक नई कमिटी का गठन किया गया है. इस कमिटी में 5 मेंबर शामिल होंगे, जिनमें से तीन मेंबर वही हैं जो इस कानून के ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी में शामिल थे.
Uniform Civil Code: उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी कानून को पास करा लिया है. बता दें कि, उत्तराखंड देश की पहली रियासत बन गई है, जहां यूसीसी कानून के ड्राफ्ट को सदन से मंजूरी मिल गई यानी वह यूसीसी कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. समान नागरिक संहिता उत्तराखंड कानून 2024 के नियमावली को तैयार करने और इसे लागू कराने के लिए अब सरकार के जरिए एक नई कमिटी का गठन किया गया है. इस कमिटी में 5 मेंबर शामिल होंगे, जिनमें से तीन मेंबर वही हैं जो इस कानून के ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी में शामिल थे.
इस नई कमिटी के गठन को गवर्नर की भी मंजूरी मिल गई है. इस तरह अब यूसीसी प्रक्रिया और नियम समिति के चीफ रिटायर्ड आईएएस शत्रुघ्न सिंह होंगे. वहीं इसके सदस्य के रूप में प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, कुलपति दून यूनिवर्सिटी, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा, स्थानिक आयुक्त उत्तराखंड अजय मिश्रा के नाम शामिल हैं. इस यूसीसी कानून के नियमावलियों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रियाओं के साथ इसे इलेक्ट्रॉनिकीकरण की जिम्मेदारी के लिए 6 अपर सचिवों को इसका अनुबद्ध सदस्य बनाया गया है. जिसमें सुधीर सिंह, एडिशनल सेक्रेटरी, लॉ, उत्तराखंड शासन तथा निदेशक आईटीडीए भी हैं. जो कमेटी के द्वारा तैयार किए जा रहे मसौदे को संपादित करने के साथ ही कमिटी की बैठकों में भी शामिल होंगे.
नई कमिटी के गठन के बाद पहले की कमिटी के मेंबर्स के लिए जो ऑफिस था और उनके साथ जो कर्मी काम कर रहे थे, उसका इस्तेमाल अब नई समिति भी करेगी. कमिटी को अब सरकार के द्वारा पास कानून के लिए नियमावली तैयार कराने के साथ इसे कैसे लागू करना है, इस पर भी काम करना है. वहीं, कमिटी इस कानून के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप वगैरह का भी निर्माण सुनिश्चित करेगी. साथ ही राज्य सरकार के जो संबंधित कर्मी हैं, उसको इसकी मुनासिब ट्रेनिंग देना भी कमेटी का ही काम होगा. इसके साथ ही इस कानून को कामयाबी के साथ चलाने के लिए जो उचित कदम हो, उसे भी कमेटी उठाएगी. बता दें कि इस कमेटी का ध्यान इस बात पर भी होगा कि लोगों को किसी भी तरह के रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्टार ऑफिस के चक्कर ना काटना पड़े, बल्कि घर बैठे वेब पोर्टल या मोबाइल एप के जरिए से वह अपना रजिस्ट्रेशन खुद कर सकें.