हाथरसः ऐसी कहानियां आप ने बचपन में जरूर सुनी होगी कि एक स्कूल में एक छात्र क्लास रूम में सोता रह गया और स्कूल के कर्मचारी ने शाम को स्कूल बंद कर दिया. फिर अगले दिल से स्कूल में गर्मी की छुट्टी हो गई. जब एक माह बाद स्कूल खुला तो क्लासरूम में बच्चे का कंकाल मिला और स्कूल की दीवारों में चॉक से पानी और रोटी लिख हुआ पाया गया! उत्तर प्रदेश के स्कूल में ऐसा ही एक मामला पेश आया है, हालांकि इसमें छात्र की मौत तो नहीं हुई लेकिन सरकार ने स्कूल के पूरे स्टाफ का सस्पेंड कर दिया है.

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शाम को पड़ोसियों ने सुनी बच्चे के रोने की आवाज 
पुलिस ने शनिवार को बताया कि हाथरस के नगला इलाके में स्थित एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में बुधवार को कक्षा 2 में पढ़ने वाला 6 वर्षीय छात्र प्रेम प्रकाश कक्षा एक क्लास रूम में बंद हो गया था. छात्र कक्षा में सो रहा था, लेकिन दोपहर को शिक्षक और स्कूल के अन्य कर्मचारियों ने उस छात्र पर ध्यान नहीं दिया और क्लासरूम बंद कर सभी लोग स्कूल से चले गए. शाम तकरीबन पांच बजे जब बच्चा नींद से जागा तो उसने क्लासरूम बंद देखकर रोना शुरू कर दिया. बच्चे की रोने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के घरों के लोग जब स्कूल पहुंच कर कमरे में झांका तो क्लास के अंदर बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया.

ताला तोड़कर बच्चे को निकाला गया बाहर 
सूत्रों ने बताया कि उसी वक्त छात्र का पिता दुर्गेश कुमार भी बच्चे के घर न पहुंचने पर उसकी खोजबीन करने के बाद आखिर में इस उम्मीद में स्कूल पहुंचा था कि शायद वह स्कूल में ही रह गया हो. स्कूल पहुंचने के बाद पिता का मालूम हुआ कि उसका बेटा क्लासरूम में बंद है. दुर्गेश ने स्थानीय लोगों की मदद से क्लासरूम  का ताला तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला. 

10 शिक्षकों और कर्मचारियों को किया सस्पेंड 
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप सिंह ने प्रखंड विकास अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह को मामले की जांच के आदेश दिए. संदीप सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों समेत 10 शिक्षकों और कर्मचारियों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही अनुदेशक और तीन शिक्षामित्रों का वेतन अगले आदेश तक रोकने के निर्देश भी दिए गए हैं.



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