सिद्धार्थनगर: नफरतें इतनी बढ़ती जा रही हैं कि एक दूसरे के त्योहार और खुशी में शामिल होने पर भी कुछ धर्म के ठेकेदार पहरा लगाए हुए हैं. मंदिर और मस्जिद भगवान और खुदा के घर माने जाते हैं, लेकिन चंद लोग इसे भी अपनी जागीर समझने लगे हैं, मानों धर्म का जिम्मा कुछ संगठनों और दलों को ही दिया गया हो. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. एक मुस्लिम MLA को मंदिर में एक प्रोग्राम की दावत दी गई, जब उन्होंने वहां विजिट किया तो कुछ हिंदू संगठनों को ये रास नहीं आया और पूरे मंदिर में गंगा जल का छिड़काव किया गया.


क्या है पूरा मामला?


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एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने जानकारी दी है कि ये मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में पेश आया है. डुमरियागंज से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक सैय्यदा खातून ने कहा कि उन्हें रविवार को एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए सिद्धार्थनगर जिले के बलवा गांव में साम्य माता मंदिर के प्रशासन के जरिए बुलाया गया था.


मंदिर में छिड़का गंगा जल


पुलिस ने कहा, लेकिन राम कथा कार्यक्रम के बाद, स्थानीय पंचायत के अध्यक्ष और कुछ अन्य हिंदू संगठनों के सदस्यों ने सोमवार को मंदिर का दौरा किया, गंगाजल छिड़का, हनुमान चालीसा का पाठ किया और सैय्यदा खातून के खिलाफ नारे लगाए.


इस मामले को लेकर बढ़नी चाफा नगर पंचायत के अध्यक्ष धर्मराज वर्मा का कहना है," साम्य माता मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. लोग समर्पण भाव से मंदिर में आते हैं, जिसका स्थानीय विधायक ने अनादर किया. वह मांसाहारी हैं और उनके दौरे से जगह की पवित्रता प्रभावित हुई.''


लोगों ने उठाए सवाल


नगर पंचायत के अध्यक्ष धर्मराज के इस बयान का काफी लोग विरोध भी कर रहे हैं लोगों का कहना है कि मांसाहारी तो कोई भी हो सकता है, फिर वह चाहे हिंदू हो या फिर मुसलमान. आप मंदिर में आने वाले लोगों की पहचान कैसे करेंगे कि वह मांसाहारी है या फिर शाकाहारी?


पुलिस ने बताया है कि इलाके में शांति कायम करने के लिए वह गश्त कर रही है. इस मामले को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है. पुलिस ने कहा है कि अगर इस मामले में कोई शिकायत आती है तो वह उचित कार्रवाई करेंगे.


वहीं इस मसले को लेकर एमपी सैय्यदा खातून ने कहा है कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं. इसके अलावा मैं एक जन प्रतिनिधि हूं. चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद, अगर मुझे आमंत्रित किया गया तो मैं वहां जरूर जाऊंगी.


इससे पहले बिहार में किया गया था ऐसा


यह पहली बार नहीं है कि उत्तर प्रदेश के किसी मंदिर में ऐसी घटना हुई है. 2018 में, भारतीय जनता पार्टी की एक दलित महिला विधायक के मंदिर में प्रवेश के बाद हमीरपुर जिले के एक मंदिर को गंगाजल से शुद्ध किया गया था. पिछले साल पड़ोसी राज्य बिहार में भी एक विवाद खड़ा हो गया था जब एक मुस्लिम मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विष्णुपद मंदिर में प्रवेश किया था, जिसके बाद मंदिर के कर्मचारियों को परिसर को "शुद्ध" किया था.