नई दिल्लीः उर्दू मशहूर-ओ मारूफ उपन्यासकार खालिद जावेद (Urdu writer Khalid Jawed) को इतवार को साल 2022 का प्रतिष्ठित जेसीबी साहित्य अवार्ड (JCB Prize 2022) दिया जाएगा. इस साल इस अवार्ड की दौड़ में पांच रचनाएं शामिल थीं, जिनमें से ‘द पैराडाइज ऑफ फूड’ (The Paradise of Food ) के लेखक खालिद जावेद को यह अवार्ड दिया गया है. खास बात यह है कि इस साल इनाम के लिए ’शार्टलिस्ट’ की गईं सभी पांचों रचनाएं तर्जुमा वाली रचनाएं थीं. ‘द पैराडाइज ऑफ फूड’ (The Paradise of Food) का तर्जुमा बारां फारूकी ने किया है. मूल रूप से 2014 में  'नेमत खाना’ (Nemat khana) के रूप में प्रकाशित पुस्तक, पुरस्कार जीतने वाला चौथा अनुवाद और उर्दू में पहला काम है. इस इनाम के तहत 25 लाख रुपए की रकम दी जाती है.


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इसके अलावा किताब का तर्जुमा करने वाले बरन फारूकी को पुरस्कार के लिए अतिरिक्त 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों में से प्रत्येक को 1 लाख रुपए और अनुवादकों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे. यह अवार्ड भारत में साहित्य की कला को बढ़ावा देने के लिए 2018 में गैर-लाभकारी कंपनी जेसीबी लिटरेचर फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है. जेसीबी के संस्थापक जोसेफ बैमफोर्ड ने शनिवार को डिजिटल माध्यम से इस इनाम का ऐलान किया है.  

मध्यवर्गीय संयुक्त मुस्लिम परिवार की कहानी है 'द पैराडाइज ऑफ फूड’
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर खालिद जावेद के उपन्यास का मुकाबला बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’, मनोरंजन बायापरी के उपन्यास ‘ईमान’, शूदेन काबिमो के उपन्यास ‘सॉंग ऑफ द सॉइल’, और शाली टॉमी के उपन्यास ‘वल्ली’ से था. ’द पैराडाइज ऑफ फूड’ पचास सालों की अवधि में एक मध्यवर्गीय संयुक्त मुस्लिम परिवार की कहानी है, जहां कथावाचक अपने घर और बाहर की दुनिया में अपने लिए जगह खोजने के लिए संघर्ष करता है.

मैंने कभी नहीं सोचा था, मेरी किताब को इतनी मान्यता मिलेगी 
अवार्ड लेने के बाद जावेद ने कहा, ’’ मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी किताब को यह मान्यता मिलेगी. हम हर दिन और अपनी दुनिया के विभिन्न कोनों में खुशी की तलाश करते हैं, लेकिन आज मैंने सच्ची खुशी महसूस की है. मैंने यह उपन्यास 2014 में लिखा था और आज इसे पहचान मिली है.’’ जावेद ने कहा कि फारूकी की अपनी दुनिया को दूसरी दुनिया में ले जाने के कौशल की वजह से ही इस उपन्यास को पुरस्कार के लिए मान्यता मिली है.

पांच न्यायाधीशों के एक पैनल द्वारा अवार्ड का फैसला किया गया 
इस अवार्ड के विजेता का चयन पत्रकार और संपादक एएस पन्नीरसेल्वन, लेखक अमिताभ बागची, लेखक-शिक्षाविद राखी बलराम, अनुवादक-इतिहासकार जे देविका और लेखक जेनिस परियाट सहित पांच न्यायाधीशों के एक पैनल द्वारा किया गया था. किताब के बारे में पनीरसेल्वन ने कहा कि यह, ’’मानव भावना, आशा, हानि, आकांक्षाओं और चिंता का उत्सव है.’’ जूरी प्रमुख ने कहा, ’’यह एक बेहतरीन कलात्मक उपलब्धि है. 


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