US Presidential debate 2024: इस साल के आखिर में अमेरिका में राष्ट्रपति इलेक्शन होने हैं. इससे पहले रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच 10 सितंबर की रात फिलाडेल्फिया में जोरदार बहस हुई. प्रेसिडेंशियल डिबेट के मंच पर पहली बार दोनों आमने-सामने थे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान के मुद्दे पर जोरदार बहस हुई. आइए जानते हैं कि अफगानिस्तान को लेकर दोनों के बीच बहस क्यों हुई.


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बाइडेन के फैसले का किया बचाव
अमेरिका के उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यह ऐसा काम था, जो चार दूसरे राष्ट्रपति करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने नहीं किया. उपराष्ट्रपति ने दावा किया कि इससे रोज होने वाला 300 मिलियन डॉलर का खर्च बच गया.


हैरिस ने अफगान सरकार की जगह सीधे तालिबान से बातचीत करने के लिए ट्रंप पर निशाना साधा. इसके साथ ही अमेरिका के एक ऐतिहासिक स्थल पर आतंकवादियों को आमंत्रित करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति की आलोचना की. उन्होंने कहा, "वह (ट्रंप) खुद को डील मेकर कहते हैं, लेकिन उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी कहा कि यह एक कमजोर, डील थी."


कमला हैरिस ने ट्रंप पर साधा निशाना
उपराष्ट्रपति ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा, "उन्होंने अफगान सरकार को दरकिनार कर दिया. तालिबान नामक एक 'आतंकी' संगठन के साथ सीधे बातचीत की. इस डील के चलते तालिबान के 5,000 आतंकवादियों को रिहा किया गया. उस समय के राष्ट्रपति ने तालिबान को कैंप डेविड में आमंत्रित किया, जो हमारे (अमेरिकियों) लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है. एक ऐसी जगह जहां हम अमेरिकी कूटनीति के महत्व को सम्मान देते हैं, जहां हम सम्मानित विश्व नेताओं को आमंत्रित करते हैं और उनका स्वागत करते हैं."


ट्रंप ने किया अपने फैसले का बचाव
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने तालिबान के साथ बातचीत करने के फैसले का बचाव किया. उनके मुताबिक उन्होंने ऐसा किया. क्योंकि तालिबान अमेरिकी सैनिकों को मार रहा था. ट्रंप ने कहा, "मैं तालिबान के साथ बातचीत में शामिल हुआ, क्योंकि तालिबान हत्याएं कर रहा था. अब्दुल तालिबान का मुखिया था. वह अभी भी इसका प्रमुख है. मैंने अब्दुल से कहा, अब ऐसा मत करो. अगर और ऐसा करोगे तो तुम्हें मुश्किल होगी."


पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे पास माइक पॉम्पिओ द्वारा तैयार एक समझौता था. यह बहुत अच्छा समझौता था. हम जल्दी बाहर निकल जाते, हम सैनिकों को नहीं खोते, बहुत से अमेरिकियों और 85 बिलियन डॉलर मूल्य के सैन्य उपकरण पीछे नहीं छोड़ते. बस इतना ही, उन्होंने इसे बर्बाद कर दिया."