बेंगलुरु: हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत हासिल कर भाजपा का सामना हार से करवाया है. 20 मई को सिद्धारमैया ने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. इसके अलावा डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम के तौर पर जिम्मेदारियां संभाली. इसके बाद खबरें थीं कि कोई भी शख्स राज्य की विधानसभा का अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं था. लेकिन बुधवार को खबर मिली है कि पूर्व मंत्री और 5 बार के विधायक खादर सब की इत्तेफाक राये से मंत्री बन चुके हैं. 


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पूर्व मंत्री और कांग्रेस के पांच बार के विधायक यूटी खादर बुधवार को सर्वसम्मति से कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए. कर्नाटक विधानसभा का अध्यक्ष बनने जा रहे 53 वर्षीय खादर इस पद की जिम्मेदारी संभालने वाले पहले मुस्लिम नेता होंगे. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अध्यक्ष पद के लिए खादर के नाम का प्रस्ताव रखा और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने इसका समर्थन किया. पद के लिए कोई अन्य दावेदार नहीं था.



अस्थायी (प्रोटेम) अध्यक्ष आर वी देशपांडे ने मुख्यमंत्री के ज़रिए पेश किए गए गए प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई और इसे विधानसभा के ज़रिए सबकी इत्तेफाक राये से पास किया गया. परम्परा के मुताबिक सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को आम तौर पर सर्वसम्मति से अध्यक्ष के तौर पर चुना जाता है. खादर ने पिछली विधानसभा में विपक्ष के उप नेता के तौर पर जिम्मेदारियां निभाई थीं. वह पूर्व में कर्नाटक सरकार में मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं.


याद रहे कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में रिकॉर्ड 135 सीटें जीती हैं और बहुमत का आंकड़ा पार कर राज्य में सरकार बनाई है. इस जीत का बहुत बड़ा क्रेडिट राहुल गांधी की 'भारत जोड़ा यात्रा' दिया जा रहा है. राहुल गांधी ने जीत के बाद कहा कि नफरत हार गई और मोहब्बत जीत गई. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि में इस नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानें लगा रहा हूं. 


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