Uttar Pradesh: मौलाना अरशद मदनी के दिये हुए बयान पर दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासमी नोमानी ने कहा कि संस्था किसी भाषा की विरोधी नहीं है. उन्होंने प्रशासन को भेजे गए अपने स्पष्टीकरण में कहा कि संस्था किसी भाषा की विरोधी नहीं है संस्था ने अपना अलग अंग्रेजी और कंप्यूटर विभाग स्थापित क्या हुआ है.


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नोमानी ने कहा कि जहां छात्रों को शिक्षा दी जाती है केवल संस्था के छात्रावास में रहकर छात्रों द्वारा बाहर कोचिंग और कारोबारी गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई है. जिससे छात्र अपना पूरा समय संस्था के पाठ्यक्रम में ही लगा सके इदारे का प्राइमरी सेक्शन छात्रों को अंग्रेजी गणित विज्ञान की शिक्षा देता है. दरअसल 14 जून को दुनिया भर में इस्लामी तालीम के लिए विख्यात दारुल उलूम मैं पढ़ने वाले छात्रों अंग्रेजी या दूसरी भाषा नहीं पढ़ने पर फरमान जारी किया गया था.


अरशद मदनी ने अंग्रेजी नहीं पढ़ने की ताकीद की थी
मदनी ने कहा था कि दारूल उलूम में पढ़ने के दौरान छात्र ऐसा नहीं कर सकते यदि आदेश न माना गया तो छात्र को निष्कासित करने की चेतावनी भी दी गई थी. वही दारुल उलूम के सदर और जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस मामले में छात्रों को ताकीद किया था. उन्होंने कहा था मदरसा हमारा दिन है दुनिया नहीं इसलिए पहले आप आलिम ए दीन और उसके बाद डॉक्टर इंजीनियर या वकील बने क्योंकि दो कश्ती में सवार होने वाला कभी मंजिल नहीं पा सकता


यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने नोटिस जारी कर मांगा था जवाब
इसके बाद दारुल उलूम को छात्रों के अंग्रेजी पढ़ने पर पाबंदी लगाए जाने पर यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और डीएम को पत्र भेजकर कार्यवाही का निर्देश दिया था जिसके बाद दारुल उलूम के मोहतमिम ने उपजिलाधिकारी को स्पष्टीकरण देने के साथ-साथ अपना वीडियो जारी कर स्पष्टीकरण दिया है.