उत्तराखंड के सीएम ने जमीन अतिक्रमण को बताया `भूमि जिहाद`; कहा -चुप नहीं बैठेंगे
Uttarakhand CM calls land encroachment Bhoomi jihad: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन यहां जबरन जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने भूमि जिहाद का नाम लिया है.
देहरादूनः पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा है कि उनकी सरकार उत्तराखंड में 'भूमि जिहाद’ को आगे नहीं बढ़ने देगी. नैनीताल जिले के कालाढ़ूंगी इलाके में एक प्रोग्राम में धामी ने कहा है कि इस प्रदेश के अंदर 1000 से भी ज्यादा ऐसे मकाम चिन्हित किए गए है,ं जहां गैर कानूनी तौर पर लोगों ने मजार बना दिए हैं या कहीं कुछ और बना दिया गया है. उन्होंने कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन यहां जबरन किसी का सरकारी या किसी अन्य की जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे. कहीं पर भूमि जिहाद को भी आगे नहीं बढ़ने देंगे, क्योंकि हम कानून को मानने वाले और उस पर भरोसा करने वाले लोग हैं.’’
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा है कि उनकी सरकार किसी का नुकसान करने के लिए कोई काम नहीं करेगी, लेकिन किसी का तुष्टिकरण भी नहीं होने देगी. उन्होंने कहा, “हम तुष्टीकरण पर कठोरता से लगाम लगाएंगे.”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की आबादी में पैदा हो रहे असंतुलन का भी जिक्र करते हुए कहा कि उस पर रोक लगाने के लिए भी उनकी सरकार प्रदेश में एक खास मुहिम चलाएगी. उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रदेश का हित सबसे पहले है, और हमारी सरकार जब तक इस काम को पूरा नहीं कर लेगी तब तक न तो चुप बैठेगी या न ही रूकेगी.
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले लोगों से हमने कहा है कि वे अपना अतिक्रमण अपने आप हटा लें वरना सरकार उसे हटाएगी. उन्होंने कहा, “हमने कहा है कि अतिक्रमण चाहे वन विभाग की जमीन पर हो या लोक निर्माण विभाग या राजस्व विभाग की जमीन पर, उसे उन लोगों को खुद ही हटाना होगा. उत्तराखंड के अंदर यह भूमि जिहाद नहीं चलेगा.”
गौरतलब है कि राज्य की भाजपा नेतृत्व वाली धामी सरकार ने पिछले साल नवंबर में राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून को और कड़ा करते हुए जबरन धर्म परिवर्तन के कसूरवार लोगों के लिए 10 साल तक की सजा का सख्त प्रावधान लागू किया है. उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून में जबरन धर्म परिवर्तन को जमानती और गैरजमानती अपराध बनाते हुए इसके कसूरवार पाए जाने पर न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक की कैद की सजा के अलावा कम से कम पचास हजार रू के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. कानून में अपराध करने वाले को कम से कम पांच लाख रू की मुआवजा राशि के भुगतान का भी प्रावधान रखा गया है जो पीड़ित को देय होगा.
Zee Salaam