Uttarakhand News: उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की रसोई गैस सिलेंडर की रिफिल की परेशानी का हल करने के लिए राज्य सरकार ने 'ईंधन सखी' योजना शुरू की है. राज्य सरकार मिनी गैस एजेंसी के जरिए इस कमी को दूर करेगी. मिनी गैस एजेंसी का संचालन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं करेंगी. राज्य सरकार ने 4 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. इसके लिए सरकार ने एचपी कंपनी से करार किया है. ग्राम्य विकास विभाग ने मिनी गैस एजेंसी योजना शुरू की है.


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तैयार हुईं 16 ईंधन सखी
अपर सचिव और आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग, आनंद स्वरूप ने बताया कि इस योजना के दो मकसद हैं. पहला स्वयं सहायता समूह की औरतों की आमदनी बढ़ाना और दूसरा सुदूर इलाकों में आसानी से गैस पहुंचाना. जल्द ही योजना दूसरे जिलों में भी शुरू होगी. एचपी कंपनी की तरफ से औरतों को मिनी गैस एजेंसी संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी. अभी तक उत्तरकाशी की 40, टिहरी की 16 और हरिद्वार की पांच औरतों सहित कुल 61 ईंधन सखी तैयार हो चुकी हैं.


मिलेगा कमीशन
उन्‍होंने कहा कि मिनी गैस एजेंसी में हर वक्त पांच भरे हुए गैस सिलिंडर मौजूद रहेंगे. कंपनी की तरफ से हर सिलिंडर पर 20 रुपये तक कमीशन मिलेगा. बर्नर, चूल्हा, इसकी सर्विस, गैस पाइप, नए कनेक्शन देने, डीबीसी कनेक्शन पर भी कंपनी की तरफ से कमीशन दिया जाएगा. गांव-गांव में प्रचार-प्रसार करने पर एक हजार रुपये अलग से मिलेंगे.


मुश्किल हैं रास्ते
आपको बता दें कि उत्तराखंड में कुछ ऐसे इलाके हैं जो पहाड़ी पर बसे हैं. यहां पर आना जाना बहुत मुश्किल है. यहां कई रास्ते ऐसे भी हैं जहां पर पैदल चलना ही मुश्किल है. ऐसे में इन इलाकों में गैस सिलेंडर ले जाना भारी काम है. इसलिए सरकार की 'ईंधन सखी' योजना लोगों के काफी काम आने वाली है.