नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में कोर्ट की अवमानना का दोषी पाए गए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को कोर्ट से जानकारी छुपाने के आरोप में 4 महीने की जेल की सजा सुनाई और 2000 रुपए जुर्माना लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को चार हफ्ता के भीतर ब्याज के साथ चार करोड़ डॉलर वापस जमा करने को कहा और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो संपत्ति कुर्क की जाएगी.


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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने विजय माल्या को लेकर ये फैसला सुनाया. दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया न चुकाने की अर्जी दी थी. 



बैंक ने आरोप लगाया था कि माल्या ने तथ्यों को छुपाया और कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के "घोर उल्लंघन" में अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या और बेटियों लीना माल्या और तान्या माल्या को पैसे दिए.


गौरतलब है कि माल्या, जो अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण चूक मामले में आरोपी है और माल्या मार्च 2016 से यूके में रह रहा है और वर्तमान में 18 अप्रैल, 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा निष्पादित प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है.


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