Vikramaditya Singh resigns: हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस लीडर विक्रमादित्य ने हिमाचल प्रदेश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. इस दौरान वह काफी भावुक भी दिखाई दिए और उनकी आंसू भी भर आई. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.


हिमाचल कांग्रेस लीडर विक्रमादित्य ने दिया इस्तीफा


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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ खुलकर सामने आते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ''मैंने सरकार के कामकाज के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन आज स्पष्ट रूप से कहना मेरी जिम्मेदारी है...मैंने हमेशा कहा है कि पद और कैबिनेट में जगह मिलती है.'' मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है हिमाचल प्रदेश की जनता से रिश्ता...लेकिन पिछले एक साल में सरकार में जिस तरह की व्यवस्था रही, जिस तरह से विधायकों की अनदेखी की गई और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई - यह उसी का परिणाम है."


उन्होंने कहा, ''हिमाचल प्रदेश में पिछले 2-3 दिनों में घटी घटनाओं की श्रृंखला लोकतंत्र में चिंता का विषय है. यह चिंताजनक है क्योंकि राज्य के 70 लाख लोगों ने एक सरकार चुनी और उसके बाद जनादेश दिया. लेकिन उसके बाद होने वाली घटनाओं की ऐसी सीरीज (क्रॉस-वोटिंग) फिक्र का मसला है." भाजपा ने राज्यसभा सीट जीत ली और उसके उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया.


अपने इस्तीफे का ऐलान  करते हुए उन्होंने कहा, ''मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि मौजूदा हालातों में मेरा सरकार का हिस्सा बने रहना सही नहीं है. इसलिए मैंने फैसला किया है कि मैं मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे रहा हूं.'' आने वाले समय में मैं अपने लोगों के साथ वीडियो परामर्श करूंगा और फिर भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला करूंगा."


पिता को किया याद


वह अपने पिता को याद करते हुए भावुक भी हो गए और कहा, ''...इसमें कोई संदेह नहीं है कि (विधानसभा) चुनाव में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल किया गया था...यह तथ्य की बात है, रिकॉर्ड की बात है. यह सरकार सभी के योगदान से बना था. शासन का एक साल पूरा हो गया है.''