Vinesh Phogat News: पेरिस ओलंपिक के कुश्ती इवेंट में डिस्क्वालिफाइ होने वाली भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट से जुड़ी बड़ी खबर आई है. विनेश को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर होने वाला फैसला एक बार फिर से टल गया है. अब इस मामले पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) 13 अगस्त को फैसला सुनाएगी. विनेश फोगाट ने फाइनल से पहले आयोग्य होने के बाद खुद CAS में अपील की थी, जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब इस मामले पर आखिरी फैसला 13 अगस्त को शाम तक आने की उम्मीद है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विनेश को लेकर CAS में अब तक क्या-क्या हुआ?
पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल से पहले ही विनेश फोगाट को इसलिए आयोग्य कर दिया गया था कि उनका वजन नापने तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा हो गया था. ऐसे में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के मुताबिक,  रेसलर को वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया गया. इस नियम के तहत मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी एथलीट को पदक नहीं मिलता है. बता दें, UWW ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था है. 


विनेश के डिस्क्वालिफाई  होने का साथ मेडल का सपना भी अधूरा रह गया.  इसके बाद भारतीय पहलवान ने  7 अगस्त की शाम को ही CAS में आयोग्यता के खिलाफ अपील दाखिल कर दी. इशअपील में विनेश ने सबसे पहले फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की थी. लेकिन CAS ने इस अपील को फौरन ठुकराते हुए कहा था कि  वह फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश अपनी अपील में बदलाव कर संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की.


CAS ने विनेश से किए ये तीन सवाल
इस मामले की सुनवाई कर रहे CAS के जज ने विनेश से तीन सवाल किए हैं,जिसका जवाब उन्हें  ईमेल के जरिए देना है. जज ने विनेश से पहला सवाल यह पूछा है कि, "क्या आपको इस नियम की जानकारी थी कि आपको अगले दिन भी वेट देना है?" जबकि दूसरा सवाल सिल्वर को लेकर पूछा गया, "क्या क्यूबा की रेसलर आपके साथ सिल्वर मेडल शेयर कर लेंगी?" वहीं, तीसरे सवाल में यह पूछा गया कि, "आपको इस अपील का फैसला सार्वजनिक तौर पर ऐलान से चाहिए या गोपनीय तरीके से निजी तौर पर बता दिया जाए?"


 


आयोग्य होने के तुंरत बाद संन्यास की घोषणा की 
डिस्क्वालिफाइ होने के अगले ही दिन 29 साल की रेसलर विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. विनेश के मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा थी. विनेश की डिस्क्वालिफाइ होने के बाद संसद में भी विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी.