मणिपुर में फिर से शुरू हुआ हिंसा का दौर; 5 आम नागरिकों समते 3 पुलिसकर्मियों की मौत
Manipur Violence: बीते साल मई 2023 से मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है. वहां पिछले 8 महीनों में कम से कम 200 लोगों की जान गई है और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.
Manipur Violence: मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया है. 18 जनवरी और 17 जनवरी की दरमियानी रात हुई हिंसा में 5 आम नागरिक और सेना के 3 जवान मारे गए हैं. 17 जनवरी की सुबह टेंग्रैपाल में 'हथियारबंद चरमपंथियो' के हमले में 2 पुलिस के जवान की मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हो गए थे. दो दिन की हिंसा में कुल 7 लोगों की मौत हो गई है. 18 जनवरी को प्रदेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रोटेस्ट किए गए.
पिछले 8 महिनों से हिंसा जारी
मणिपुर में बीते 8 महीने से हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. 18 जनवरी को मणिपुर पुलिस ने एक्स पर लिखा, “18 जनवरी को विष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग खा खुनो में अज्ञात सशस्त्र बदमाशों ने 4 आम नागरिकों का कत्ल किया. मामले की जांच जारी है और अपराधियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.'' फौरन थोड़ी देर बाद ही मणिपुर पुलिस ने बताया कि 1 और नागरिक का कत्ल हो गया है.
3 पुलिसकर्मियों की मौत
इससे पहले भी 17 जनवरी की देर रात मणिपुर पुलिस ने बताया था कि चरमपंथियों ने योजना के तहत सुरक्षाबलों पर हमला किया, जिसमें मणिपुर राइफल्स के 1 जवान, मणिपुर पुलिस के IRB फोर्स के एक जवान और भारतीय रिजर्व बटालियन के 1 जवान समेत कुल 3 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई.
बीते साल मई से हिंसा है जारी
बीते साल मई 2023 से मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है. वहां पिछले 8 महीनों में कम से कम 200 लोगों की जान गई है और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.