कर्नाटक विधानसभा में लगी सावरकर की तस्वीर, कांग्रेस ने नेहरु के फोटो के साथ किया प्रदर्शन
Vinayak Damodar Savaerkar photo pasted in Karnataka Assembly: भाजपा नीत कर्नाटक में विधानसभा में अन्य महापुरुषों के साथ सावरकर की तस्वीर लगाए जाने के बाद सदन की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि सरकार का यह एकतरफा फैसला है. विपक्ष से कोई मशविरा नहीं किया गया है.
बेलगावीः कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर का विधानसभा के अंदर तस्वीर लगाए जाने पर बवाल मच गया है. हालांकि सावरकर की तस्वीर के साथ कई दूसरे महापुरुषों की तस्वीरें भी लगाई गई है. ‘सुवर्ण विधान सौध’ के विधानसभा कक्ष में इन तस्वीरों को लगाए जाने के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर इल्जाम लगाया कि उन्हें अंधेरे में रखकर यह एकतरफा फैसला लिया गया है.
सावरकर के साथ इन महापुरुषों की भी लगी तस्वीर
गौरतलब है कि विधानसभा में सावरकर की तस्वीर के अलावा स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, भीमराव आंबेडकर, बसवेश्वर, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की भी तस्वीरें लगाई गई हैं. इन तस्वीरों का अनावरण विधानसभा स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा कक्ष के अंदर किया था. राज्य विधानमंडल के 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले इन तस्वीरों का अनावरण किया गया है.
कांग्रेस ने कहा सरकार का ये एकतरफा फैसला
इससे पहले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने ‘सुवर्ण विधान सौध’ के बाहर कुवेम्पु, नारायण गुरु, शिशुनाला शरीफ, पंडित जवाहरलाल नेहरू, बाबू जगजीवन राम जैसे नेताओं-समाज सुधारकों की तस्वीरों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया था. सिद्धरमैया ने कहा कि सदन के अंदर बिना किसी चर्चा के एकतरफा फैसले के बाद कुछ तस्वीरों को लगाया गया है. सिद्धरमैया ने कहा, ‘’ अगर विधानसभा के अंदर कोई तस्वीर लगानी है, तो इससे पहले सदन को भरोसे में लेना होता है, क्योंकि वे विधानसभा की संपत्ति बन जाती हैं.
कांग्रेस ने कहा मुद्दे को भटकाना चाहती है सरकार
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें सावरकर समेत दूसरी तस्वीरों के अनावरण के संबंध में न तो कोई निमंत्रण मिला और न ही उनके पास कोई जानकारी थी. उन्हें मीडिया के माध्यम से इसके बारे में खबर मिली थी. सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हम किसी भी तस्वीर को लगाने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन सदन को भरोसे में लेना चाहिए था.’’ उन्होंने कहा कि नेहरू, पटेल, जगजीवन राम और समाज सुधारकों के चित्र भी लगाए जाने चाहिए थे. सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘वे अभी इसलिए ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस सदने के आगामी सत्र में भ्रष्टाचार, मतदाता पहचान पत्र कार्ड घोटाला, किसानों का मुद्दा, कानून-व्यवस्था, कई घोटाले समेत अन्य मुद्दे उठाने वाली है.
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