Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक पर अभी भी लोग अपनी राय दे रहे हैं. इस मामले पर संयुक्त समिति की बैठकें भी हो रही हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के सांसद और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा है कि प्रस्तावित विधेयक का मकसद वक्फ प्रशासन और संपत्ति में पारदर्शिता लाना है, ताकि लोग इसका फायदा उठा सकें. पाल ने कहा कि उन्हें वक्फ संशोधन विधेयक के लिए सिफारिशों के बारे में 1 करोड़ से ज्यादा ईमेल मिले हैं.


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वक्फ पर मिले 1 करोड़ मेल
वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद ने JPC को भेजा था. इस पर विचार करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया था. पाल ने कहा कि उस वक्त ही मुझे बताया गया था कि अगर कोई विधेयक JPC सरकार को भेजा जाता है, तो उम्मीद है कि हितधारकों और जेपीसी के सदस्यों के बीच चर्चा होगी और संशोधनों पर उनकी राय मांगी जा सकती है. हमें 1 करोड़ से ज्यादा ईमेल मिले हैं. सात बैठकें हुई हैं.


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इन तारीखों को मीटिंग
पाल ने कहा कि "सभी को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाना मुश्किल है, इसलिए JPC 26 सितंबर को मुंबई, 27 सितंबर को अहमदाबाद, 28 सितंबर को हैदराबाद, 30 सितंबर को चेन्नई और 1 अक्टूबर को बेंगलुरु जाएगी और वक्त बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग और दूसरे लोगों के साथ बैठक करेगी. हम केरल को बेंगलुरु बुलाएंगे. अगले महीने हम उत्तर के राज्यों में जाएंगे."


सभी को मिले फायदा
JPC अध्यक्ष ने कहा हम सभी की सहमति से एक व्यापक रिपोर्ट बनाना चाहते हैं, ताकि ऐसा विधेयक बनाया जा सके, जिसके जरिए वक्फ संपत्तियों का लाभ शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को मिल सके. वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ प्रशासन और संपत्ति में पारदर्शिता लाना है, ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें."


क्या है मामला?
इससे पहले 8 अगस्त को संसद में वक्फ विधेयक पेश किया गया था. इसकी काफी मुखालफत हुई थी. विपक्षी सांसदों ने कहा था कि इस बिल को पेश करने से पहले किसी से राय मशवरा नहीं लिया गया. ये भी इल्जाम लगाया गया कि सरकार मुसलमानों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है. इसके बाद इस विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजा गया. समिति इस मामले में हर तरह के लोगों से राय ले रही है.