Lucknow News: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. बोर्ड ने टीले लखनऊ की तारीख़ी टीले वाली वाली मस्ज़िद के मुतवल्ली और इमाम के पद पर लंबे वक़्त से बने शाही इमाम मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान रहमानी को हटा दिया है, साथ ही मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान के नमाज़ पढ़ाने, तकरीर देने और बेवजह भीड़ इकट्ठा करने पर भी रोक लगा दी है.


भीड़ जमा करने पर लगाई पाबंदी


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वक्फ बोर्ड की ओर से जारी आदेश में टीले वाली मस्जिद के पास किसी भी प्रकार से भीड़ जमा करने पर भी पाबंदी लगाई गई है. खासतौर से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से जारी नोटिस में मस्जिद के शाही इमाम मौलाना फजले मन्नान रहमानी पर ख़ास ज़ोर देते हुए पाबंदी लगाई गई है.


नुपूर शर्मा के बयान पर हुआ था विवाद


दरअसल पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के विवादास्पद बयान के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते जुमे को नमाज के बाद यूपी के प्रयागराज समेत कई जगहों में हंगामा हुआ था. इसी को लेकर यह पाबंदी नाफिज की गई है.


मुतवल्ली का ओहदा लिया गया वापस


प्रयागराज, कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मुस्लिम समुदाय ने प्रदर्शन किया था. जिसमे प्रयागराज में पत्थरबाजी की घटना हुई थी. इसके अलावा राजधानी लखनऊ में भी ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद पर भी कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी. इस घटना को देखते हुए को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आदेश जारी किया आदेश के मुताबिक़ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान को उनके पद से बेदखल कर दिया गया है, साथ ही उनसे मुतवल्ली का ओहदा भी वापस लिया गया है.


माना जा रहा है कि पिछले जुमे को टीले वाली मस्जिद के पास जमा भीड़ और नारेबाज़ी के कारण बोर्ड ने यह बड़ा फैसला लिया है. हालांकि उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की जारी नोटिस में घटना से एक दिन पहले यानी गुरुवार की तारीख़ दर्ज है. सुन्नी वक्फ के सीईओ इस मसले पर प्रतिक्रिया देने बच रहे हैं जबकि टीले वाली मस्जिद के इमाम ने भी इस मसले पर बात करने से इनकार कर दिया है. 


सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मौलाना सय्यद फजलुल मन्नान रहमानी की जगह पर अब सह मुतवल्ली वासिफ़ हसन को चार्ज दे दिया है. मौलाना के बेटे इम्तियाज़ हुसैन उर्फ फैजी को इमामत की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


रिपोर्ट- अहमर हुसैन


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