Waqf JPC Update: वक्फ बिल के लिए बनी ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी आज यानी बुधवार को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड से मुलाकात करने वाली है. यह बैठक आज तीन बजे संसद भवन एनेक्सी में होगी और कमेटी वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पर बोर्ड के विचार या सुझाव सुनेगी.


दारुल उलूम के डेलिगेशन ने की मुलाकात


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हाल ही में दारुल उलूम देवबंद के डेलिगेशन ने प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का कड़ा विरोध किया है. सूत्रों के मुताबिक, 11 दिसंबर को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के साथ बैठक के दौरान करीब दो घंटे तक बोलने वाले मौलाना अरशद मदनी ने बिल के निहितार्थों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था किअगर ये संशोधन लागू किए गए तो मुस्लिम पूजा स्थलों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी.


बिल को नकारने के कारण


सूत्रों के मुताबिक, दारुल उलूम देवबंद के डेलिगेशन ने समिति के समक्ष 22 प्वाइंट्स के सुझाव भी पेश किए थे, जिसमें बिल को अस्वीकार करने के कारण बताए गए थे. यह बैठक जेपीसी के कार्यकाल विस्तार के बाद इसका पहला सेशन था.


मौलाना महमूद मदनी ने क्या कहा था?
मौलाना महमूद मदनी ने इस अमेंडमेंट पर फिक्र का इजहार करते हुए कहा था,"भारत में कई प्राचीन मस्जिदें और पूजा स्थल हैं, और कई शताब्दियों के बाद, अब उनके मूल डोनर्स या वाकिफों (जिन्होंने उन्हें दान दिया) का पता लगाना लगभग असंभव है. प्रस्तावित संशोधनों में महत्वपूर्ण खामियां हैं, जिससे उनके पीछे की मंशा पर संदेह पैदा होता है."


कार्यकाल विस्तार से पहले 27 बैठके हो चुकी थीं
हाल ही में, लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) बिल पर जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और 2025 के बजट सेशन के आखिर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. 5 दिसंबर को जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल ने बताया कि समिति ने अपने कार्यकाल के विस्तार से पहले दिल्ली में 27 बैठकें की थीं. इन बैठकों में कई हितधारकों और भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के साथ चर्चाएँ शामिल थीं.


क्या है इस अमेंडमेंट का मकसद


वक्फ संपत्तियों को रेग्युलेट करने के लिए वक्फ एक्ट 1995 की लंबे समय से मिसमैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और इंक्रोचमेंट जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है. वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली प्रोपर्टीज़ को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम जैसे सुधारों को पेश करके इन चुनौतियों का समाधान करना है.


बातचीत कर रही है जेपीसी


जेपीसी कानून में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है.