मदरसों में गीता पढ़वाना चाहता है संघ; मौलवियों से मुलाकात का जानें पूरा सच !
दिल्ली में संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) द्वारा एक मदरसे का दौरा करने और ईमाम संघ (Imam Organization) के पदाधिकारियों से मुलाकात के एक दिन बाद संघ नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने संघ प्रमुख और मुस्लिम धार्मिक समूह के बीच हुए बातचीत का ब्यौरा देते हुए बताया कि इसमें मदरसों में आधुनिक शिक्षा और गीता पढ़ाएं जाने पर चर्चा की गई है.
नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ((RSS leader Indresh Kumar)) ने मुस्लिम मौलवियों के साथ संघ नेताओं की बैठक में हुई बातचीत का ब्यौरा सार्वजनिक किया है. इंद्रेश कुमार ने कहा है कि संघ मदरसों का आधुनिकीकरण (Modernization of Madarsa) कर उसमें गीता (Geeta Teachings in Madarsa) पढ़ाने के साथ ही विभिन्न आधिन विषयों की शिक्षा देने पर मदरसों के साथ चर्चा की है. संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को पुरानी दिल्ली में आजाद मार्केट मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा कर वहां के बच्चों और शिक्षकों से बातचीत की थी. इस देश को जोड़ने वाली हिंदी भाषा सीखने पर भी दोनों पक्षों ने आपसी सहमति जताई है.
उमर इलियासी ने भागवत को बताया था 'राष्ट्रपिता’
अपनी यात्रा के दौरान, अखिल भारतीय मुस्लिम इमाम संगठन के प्रमुख उमर इलियासी ने भागवत को ’राष्ट्रपिता’ और सबसे बड़े सामाजिक संगठन का प्रमुख बताया था. इस दौरे के बारे में बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने बताया, “डॉ. इलियासी ने मोहन भागवत से कहा है कि वह एक राष्ट्र ऋषि हैं, यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन जब उन्होंने भागवत को राष्ट्रपिता कहा, तो मोहन भागवत ने फौरन उन्हें टोकते हुए कहा कि हम सिर्फ राष्ट्र के बच्चे हैं.“
संघ को जानना चाहते हैं मौलवी
इंद्रेश कुमार ने कहा, "मुस्लिम मौलवी संघ को राजनेताओं के जरिए नहीं बल्कि संगठन से सीधे संवाद के जरिए जानना चाहते हैं.मुस्लिम मौलवियों ने कहा है कि वे राजनेताओं या मीडिया के जरिए संघ को समझना नहीं चाहते हैं, वे हमारे साथ सीधा संवाद करना चाहते हैं, क्योंकि वे देशभक्त और अनुशासित हैं.’’ उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों के प्रचारकों का मानना है कि धार्मिक नेता, राजनेता और मीडिया लोगों को धर्म और जाति के आधार पर भड़काते हैं.
"धार्मिक नेता उन्हें सिर्फ मुसलमानों के रूप में देखना चाहते हैं’’
संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम प्रचारक भी मानते हैं कि धार्मिक नेता ही मुसलमानों को एक आम भारतीयों की तरह जीने नहीं देते हैं. धार्मिक नेता उन्हें सिर्फ मुसलमानों के रूप में देखना चाहते हैं, और वह उनका शोषण करते हैं. वे उन्हें वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. उनका मानना है कि उनके धर्म को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि वे अपने धर्म को मानने और उसके हिसाब से आचरण करने के लिए स्वतंत्र हैं.’’
"मदरसों का आधुनिकीकरण करना चाहते हैं मौलवी’’
बैठक में आरएसएस नेताओं और मुस्लिम मौलवियों के बीच हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा, “प्रार्थना के सभी तरीकों का सम्मान करने पर चर्चा हुई है. इससे देश तरक्की की जानिब बढ़ेगा और आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा.’’ उन्होंने कहा कि मौलवियों ने कहा कि वे मदरसे का आधुनिकीकरण करना चाहते हैं, क्योंकि देवबंद के मदनी साहब ने कहा है कि मदरसों का सर्वे उनके पक्ष में है, और उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है. वे चाहते हैं कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें.
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