Weather Forecast: मौसम विभाग क्यों कर रहा है गलत आंकलन?
Weather Update: मौसम विभाग की हाल ही में दी गई चेतावनियां एकदम गलत निकली है, जिसके बाद कई सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. इस मामले को लेकर खुद मौसम विभाग का बयान आया है.
Weather Report: मौसम विभाग पर कई तरह के सवाल उठते दिख रहे हैं. 7 जनवरी को, अपने तीन दिवसीय पूर्वानुमान में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 8 और 9 जनवरी को भारत के कई हिस्सों में बारिश होने की चेतावनी दी थी. विभाग ने हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश और के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. इन राज्यों के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना जताई गई थी. 8 जनवरी आई और चली गई - इन राज्यों के अधिकांश हिस्सों में बारिश का कोई संकेत नहीं मिला. 9 जनवरी को भी ऐसा ही हुआ. जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर आईएमडी इतना गलत कैसे हो सकता है.
क्या है समस्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि समस्या प्रौद्योगिकी या मॉडल नहीं है - बल्कि केवल मौसम विज्ञानियों के जरिए हुई है. उन्होंने डेटा इंटरपिटेशन में दिक्कत हुई है. आईएमडी के पूर्वानुमान का बचाव करते हुए, मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस समय चेतावनी जारी की गई थी उस समय इलाते में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन विकसित हो रहा था.
पहले भी गलत हो चुका है मौसम विभाग
लेकिन यह पहली बार नहीं था जब भारत के मौसम कार्यालय का पूर्वानुमान गलत निकला. पिछले महीने, आईएमडी तमिलनाडु में हुई "बेहद भारी" बारिश की सटीक भविष्यवाणी करने में भी मौसम विभाग असमर्थ था, जिसमें दो दिनों के अंतराल में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी. राज्य के अधिकारियों ने बाद की प्रेस ब्रीफिंग में उल्लेख किया था कि कैसे एजेंसी की चेतावनी से बेहतर तैयारी और कम क्षति हो सकती थी.
आईएमजी महानिदेशक ने कही ये बात
आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्र ने किसी घटना के बारे में जिक्र किए बिना कहा कि कोई भी मौसम एजेंसी हर समय सटीक नहीं हो सकती है और गैर-मौसमी बारिश जैसी मौसम संबंधी घटनाओं की भविष्यवाणी में छोटी चूक को "गलतियों" के रूप में कैटेगराइज नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा,"पिछले कुछ सालों में हमारे पूर्वानुमानों में काफी सुधार हुआ है, और हम आने वाले सालों में इसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं."
आईएमडी के जरिए शेयर किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि एजेंसी ने शहरी मौसम विज्ञान सेवाओं के तहत शुरुआती मौसम और वायु प्रदूषण की निगरानी/पूर्वानुमान/चेतावनी के लिए अहम शहरों के लिए हाई डेंसिटी मेसो नेटवर्क और हाई-रिज़ॉल्यूशन मॉडलिंग ढांचे पर काम लगभग पूरा कर लिया है. मेजोनेट एक तरह की तकनीक है जो सिनोप्टिक तकनीक से काफी एक्यूरेट होती है.