कोलकाता: पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापों और पूछताछ के बीच ममता सरकार ने देर रात अपने चार मंत्रियों को हटा दिया है. ममता ने जिन मंत्रियों को हटाया है उनमे परेश अधिकारी, सौमेन महापात्र, हुमायूं कबीर और रत्ना डे नाग शामिल हैं. ममता सरकार ने पार्थ चटर्जी को टीचर भर्ती घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद बर्खास्त कर दिया था. परेश अधिकारी भी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी के रडार पर हैं.


शिक्षक भर्ती मामले में आरोपी हैं परेश अधिकारी


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परेश अधिकारी पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी बेटी को फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलाई. दरअसल पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत शिक्षण और गैर शिक्षण पदों पर भर्तियों के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने (WBSSC) ने साल 2016 में परीक्षा आयोजित की थी. इसी के तहर परेश अधिकारी की बेटी को नौकरी मिली थी. यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा. अदालत ने अधिकारी की बेटी की नियुक्ति रद्द करने का फैसला सुनाया. इस मामले की जांच CBI कर रही है. 


सौमेन महापात्र को पार्टी में मिली जिम्मेदारी


सौमेन महापात्र को मंत्री पद से हटाने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी है. TMC ने सौमेन को तमलुक जिले का अध्यक्ष बनाया है. इसके अलावा  हुमांयूं कबीर और रत्ना डे नाग को ममता ने कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. 


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बाबुल सुप्रियो को मिला आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग


ममता सरकार में मंत्री रहे फिरहाद हकीम से परिवहन और हाउसिंग जैसे बड़े विभाग ले लिए गए हैं. बाबुल सुप्रियो को आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग दिया गया है. यह विभाग ममता सरकार से बर्खास्त हुए मंत्री पार्थ चटर्जी के पास था. 


दूसरी पार्टी से आए लोगों को मिला मंत्री पद


ममता बनर्जी ने भाजपा से आए पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो और 2014 में लेफ्ट छोड़कर आए उदयन गुहा को भी मंत्रिमंडल में जगह दी है. पिछले 14 महीने में ममता बनर्जी कैबिनेट का दूसरी बार विस्तार हुआ है. राज्यपाल एल गणेशन ने 9 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. 


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