WB News: वेस्ट बंगाल में भारत-नेपाल बॉर्डर पर एक पाकिस्तानी महिला और उसके बेटे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सियासी घमासान छिड़ गया है.अपोजिशन ने इल्लीगल घुसपैठ के लिए ममता सरकार ( CM Mamta Banerjee ) को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि रूलिंग पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अपोजिशन पर पलटवार करते हुए कहा कि बॉर्डर सिक्योरिटी सेंट्रल के दायरे में आती है.


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वेस्ट बंगाल असेंबली में अपोजिशन के लीडर सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तानी घुसपैठिए जानते हैं कि मौजूदा तृणमूल कांग्रेस शासन के तहत पश्चिम बंगाल उनके लिए एक सुरक्षित इलाका है. यहां पहले से कई रोहिंग्या बस रहे हैं. ये घुसपैठिए उन मुस्लिम परिवारों के लिए भी गंभीर खतरा हैं जो पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं".


उन्‍होंने कहा, "टोटल 55 इस्लामिक मुल्कों ने रोहिंग्याओं को आश्रय देने से इनकार कर दिया है. लेकिन सीएम ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के लिए एक समर्पित वोट बैंक सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आश्रय दिया है. रूलिंग दल रोहिंग्याओं को उनके आधार और मतदाता फोटो पहचान पत्र प्राप्त करने में मदद करता है".


अपोजिशन के लीडर ने कहा, "खारदाह में पिछले उपचुनाव में एक बांग्लादेशी नागरिक को उस वक्त पकड़ लिया गया जब वह वोट देने आया था". वहीं तृणमूल कांग्रेस नेता ने इन इल्जामों का खंडन किया और सेंट्रल गवर्नमेंट  पर पाकिस्तान से घुसपैठ रोकने में "विफलता" का इल्जाम लगाया है. सीनियर तृणमूल कांग्रेस लीडर पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा,


"बॉर्डर की सिक्योरिटी के लिए सेंट्रल फोर्स जिम्मेदार हैं और उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि अवैध घुसपैठ न हो. लेकिन, चूंकि अवैध घुसपैठ हो रही है, इसलिए यह स्पष्ट है कि सेंट्रल फोर्स अपना काम कुशलता से नहीं कर रहे हैं. इसलिए जिम्मेदारी सेंट्रल गवर्नमेंट और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की भी है. अब, अपोजिशन के लीडर हम पर दोष मढ़कर उस अक्षमता को बचाने की कोशिश कर रहे हैं."