नई दिल्लीः अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में एक लाइव प्रोग्राम के दौरान ब्रिटिश-भारतीय अंग्रेजी उपन्यासकार सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को शुक्रवार को चाकू मारकर जान लेने की कोशिश की गई. इस हमले में रुश्दी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, और उनकी हालत अभी भी खतरे में बताई जा रही है. पुलिस ने हमलावर हदी मतार को गिरफ्तार कर लिया है. 
बताया जा रहा है कि हमलावर रुश्दी  (Salman Rushdie) के लगभग 32 साल पहले लिखी गई एक किताब ’द सैटेनिक वर्सेज’  (The Satnic Verses) से नाराज था. रुश्दी पर हुए इस हमले के बाद एक बार फिर लेखक और उनकी किताब ’द सैटेनिक वर्सेज’ (The Satnic Verses)  दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गए हैं. 


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सलमान रुश्दी का भारत से है ये खास रिश्ता 
सलमान रुश्दी का भारत से खास रिश्ता है. सलमान रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता कश्मीर के रहने वाले थे और मुंबई में बस गए थे. सलमान रुश्दी के पिता का नाम अनीस अहमद रुश्दी था. रुश्दी की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के स्कूलों में हुई थी. फिर वह उच्च शिक्षा के के लिए लंदन चले गए थे. लंदन में उन्होंने यॉर्कशायर के रग्बी स्कूल और किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज से उच्च शिक्षा हासिल की. सन् 2000 के बाद से वह अमेरिका में रह रहे हैं.  

अपनी शादियों को लेकर चर्चा में रहे हैं सलमान रूश्दी 
सलमान रुश्दी अपनी शादियों और पत्नियों को लेकर भी काफी चर्चा में रहे हैं. उन्होंने चार शादियां की हैं. पहली शादी उन्होंने क्लेरिसा लुआर्ड से 1976 में की थी, जो 1987 तक चली. सलमान रुश्दी की दूसरी शादी एक अमेरिकी नोवलिस्ट मैरिएन विगिन्स से 1988 में हुई थी, जो 1993 तक चली. सलमान रुश्दी ने तीसरी बार एलिजाबेथ नामक एक महिला से 1997 में शादी की, जो 2004 तक चली.  2004 में ही उन्होंने एक भारतीय-अमेरिकी मॉडल पद्मा लक्ष्मी से शादी कर ली. हांलाकि ये शादी भी 2007 तक ही चल पाई. पदमा लक्ष्मी ने रुश्दी पर शारीरिक हिंसा करने का इल्जाम लगाया था.  

एक किताब से दुनिया भर में कट्रपंथियों के निशाने पर आ गए 
सलमान रुश्दी ने अपने राइटिंग करिअर के दौरान कई किताबें लिखी हैं. वह अंग्रेजी के विश्व प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक हैं. 1988 में उनकी बहुचर्चित किताब ’सटेनिक वर्सेज’ प्रकाशित हुई थी, जिसे पेंगुईन ने छापा था. इस किताब में पैगंबर मुहम्मद साहब के बारे में कुछ आपत्तिजनक बात लिखने का इल्जाम लगाया गया. इसके विरोध में दुनियाभर में मुसलमानों ने इस किताब और सलमान रुश्दी की मुखालफत में विरोध-प्रदर्शन किए. भारत में इस किताब के आयात पर प्रतिबंध लगा लगा दिया गया. वहीं, ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने इसे ईश निंदा करार देते हुए सलमान रुश्दी पर मौत का फतवा जारी कर दिया था.


संदिग्ध ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रति सहानुभूति रखता था
सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला करने के इल्जाम में हिरासत में लिए गए 24 वर्षीय संदिग्ध की सहानुभूति ‘शिया चरमपंथियों’ और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशरी गार्ड को लेकर थी. न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस ने संदिग्ध की पहचान फेयरव्यू, न्यूजर्सी के हदी मतार के तौर पर की है. हालांकि, अबतक हमले के सही मकसद पता नहीं चल पाया है. अबतक हदी मतार और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी से सीधे संबंध की जानकारी नहीं मिली है.
 


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