नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने भी देश छोड़ दिया है. देश छोड़ने के बाद उन्होंने कहा कि अगर मैं देश नहीं छोड़ता तो और ज्यादा खून खराबा होता और राजधानी काबुल पूरी तरह बर्बाद हो जाती. दिनभर तालिबान और अफगानिस्तान की खबरें देखते, पढ़ते और सुनते रहने के बाद आपके मन ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर ये तालिबन है क्या? अगर आप भी जानना चाहते हैं कि तालिबान क्या है और इसका मकसद क्या है तो इस खबर के साथ बने रहिए. 


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तालिबान शब्द का मतलब
सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर "तालिबान" शब्द का मतलब (Taliban Meaning) क्या है. तालिबान एक पश्तों जबान का शब्द है. पश्तो भाषा में छात्रों (Students) को तालिबान कहा जाता है. 


तालिबान का उदय कैसे हुआ
साल 1980 की दहाई में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान में फौज उतारी थी, तब अमेरिका ने ही स्थानीय मुजाहिदीनों को हथियार और ट्रेनिंग देकर जंग के लिए उकसाया था. नतीजन, सोवियत संघ तो हार मानकर चला गया, लेकिन अफगानिस्तान में एक कट्टरपंथी आतंकी संगठन तालिबान का जन्म हो गया. कहा जाता है तालाबानियों ने पाकिस्तान के मदरसों में शिक्षा ली. हालांकि पाकिस्तान कहता है कि तालिबान के उदय में उसका कोई किरदार नहीं है.


क्या है तालिबान का मकसद
अफगानिस्तान में तालिबान की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि अमेरिका के नेतृत्व में कई देशों की फौज के उतरने के बाद भी इसका खात्मा नहीं किया जा सका. तालिबान के मकसद की बात करें तो उसका एक ही मकसद है कि अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात की स्थापना करना है.


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