What is Waqf?: इन दिनों वक्फ शब्द सुर्खियों में है. हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने हुबली शहर की एक ईदगाह में गणेश पूजा की इजाजत दी थी. वक्‍फ बोर्ड का दावा था कि यह मुसलमानों की संपत्ति है लेकिन आदालत के मुताबिक यह ईदगाह वक्‍फ की संपत्ति के तौर पर दर्ज नहीं है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अल्लाह के नाम वक्फ की गई सम्पत्ति क्या होती है?


अल्लाह के नाम वक्फ की गई संपत्ति


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जब कोई शख्स इस्लामिक तरीके से किसी चीज को दान करता है तो उसे वक्फ कहा जाता है. कोई भी शख्स किसी भी चीज को को अल्लाह के नाम पर वक्फ कर सकता है. यह घर, जमीन, इस्तेमाल की गई चीजों, किताबें, लाइब्रेरी हो सकती है. दान की हुई संपत्ति पर किसी का मालिकाना हक नहीं रहता है. किसी भी संपत्ति को वक्फ करने का मकसद मकसद मुसलमानों या आम लोगों को फायदा पहुंचाना होता है. इस्लामिक धर्म के मुताबिक अगर किसी भी संपत्ति को दान कर दिया जाता है तो उस शख्स के मरने के बाद उसके परिवार वालों का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहता है.


वक्फ के मायने


वक़्फ़ एक अरबी शब्द है इसके मायने होते हैं ठहरना. अगर कोई संपत्ति अल्लाह के नाम पर वक्फ की जाती है तो यह हमेशा के लिए अल्लाह के नाम हो जाती है. इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने साल 1998 में कहा था कि 'एक बार जो संपत्ति वक़्फ़ हो जाती है वो हमेशा वक़्फ़ ही रहती है.' वक़्फ़ संपत्ति को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता.


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वक्फ की संपत्ति इस्तेमाल


मान लीजिए किसी शख्स के पास दो घर हैं. एक घर में वह रहता है और दूसरे घर को वह वक्फ कर देता है तो उस घर का इस्तेमाल मस्जद बनाने के लिए, कब्रिस्तान बनाने के लिए, किसी गरीब को उसमें बसाने के लिए, असपताल खोलने के लिए किया जा सकता है.


कैसे वक्फ होती है प्रॉपर्टी?


जानकारों के मुताबिक किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ करने से पहले उसका वक्फनामा तैयार होता है जिसमें संपत्ति को वक्फ किए जाने का मकसद लिखा जाता है. वक़्फ़ बोर्ड संपत्ति को रिकॉर्ड में दर्ज कर लेता है, इसके बाद इसका गजट नोटिफिकेशन कराता है


क्या है वक्फ बोर्ड


वक्फ बोर्ड एक कानूनी निकाय है. सरकार ने इसका गठन साल 1964 में वक्फ कानून 1954 के तहत किया था. इस कानून के तहत पहला संशोधन 1995 में किया गया था. इसके बाद नया संशोधन साल 2013 में लागू किया गया. वक़्फ़ बोर्ड वक्फ की गई संपत्तियों की सुरक्षा करता है और उनका लेखा जोखा रखता है. केंद्रीय स्तर पर एक स्वायत्त निकाय है जिसे सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल कहते हैं. दूसरा राज्य स्तर पर वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए वक़्फ़ बोर्ड हैं. भारत में कुल 32 वक़्फ़ बोर्ड हैं.


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