क्या होता है वर्ल्ड एक्सपो; आखिर सऊदी अरब को कैसे मिली इसकी मेजबानी ?
World EXPO 2023: सऊदी अरब को 2030 वर्ल्ड फेयर की मेजबानी मिली है. फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी हासिल करने के बाद ये अरब देश की दूसरी उपलब्धि है. जाने कैसे कोरिया और इटली को पीछे छोड़ सऊदी को मेजबानी मिली और वर्ल्ड फेयर कैसे इस देश के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.
World EXPO 2023: मंगलवार को पेरिस में हुए ब्यूरो इंटरनेशनल डे एक्सपोजिशन में सऊदी अरब ने साउथ कोरिया और इटली को पीछे छोड़ वर्ल्ड एक्सपो 2030 की मेजबानी हासिल कर ली है. फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी हासिल करने के बाद ये दूसरी उपलब्धि है. बीआईइ में लगी बोली में रियाद को 182 सदस्यों में से 119 सदस्यों के वोट मिले. अब वर्ल्ड एक्सपो 2030 का आयोजन रियाद में होगा.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का टारगेट 2030 तक अपने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने है. वर्ल्ड एक्सपो के जरिए टूरिस्ट बढ़ेगे, जिससे रेवेन्यू और देश का रूतबा भी बढ़ेगा. क्राउन प्रिंस के विजन 2030 प्रोग्राम को सच साबित करने में मील का पत्थर साबित होगी. सऊदी के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कहा है- हमारे पास मंत्रियों की एक शानदार टीम थी , जिनकी पूरी कोशिश यह समझने की रहेगी कि वो क्या उम्मीद करते हैं, वे क्या तलाश रहे हैं और उनका विश्वास हासिल करने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
एक्पो में क्या होगा
एक्सपो वर्ल्ड फेयर के नाम से भी जाना जाता है. इसके बारे में हम आपको आसान शब्दों में बताते है, ये वर्ल्ड लेवल की एग्जीबिशन है जहां दुनियाभर के देश अपनी उपलब्धियों को पेश करते हैं. वर्ल्ड फेयर का फोकस तकनीक, इनोवेशन और शिक्षा पर होता है. वर्ल्ड एक्सपो लम्बे समय तक चलती है और हर पांच साल में एक बार होता है. इसके जरिए दुनियाभर के देश अपने उत्पाद, नई खोज और खास चीजों को पेश करेंगे. इससे उनके देश में निवेश बढ़ने के साथ अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी.
फेयर की शुरूआत
इसकी शुरूआत 1851 में लंदन में हुई थी, जिसमें 25 देश शामिल हुए. पहली वर्ल्ड एक्सपो का आयोजन लंदन के किस्टल पैलेस में हुआ, जो अपने ग्लास और आयरन की खूबसूरत संचरना के लिए दुनियाभर में फेमस हुई. इसका फोक्स दुनिया की चुनोतियो का हल निकालना था. अब इसे आयोजित करने का काम पेरिस के संगठन ब्यूरो इंटरनेशनल डेस एक्सपोजिशन होता है. इस संगठन की शुरूआत 1928 में हुई.