Business and Islam: इस्लाम में हर काम ईमानदारी से करने के लिए बताया गया है. यहां तक कि कारोबार करने में भी ईमानदारी बरतने का इस्लाम में खास तौर से जिक्र किया गया है. इस्लाम में बताया गया है कि जो अपने लिए पसंद करो वही दूसरों के लिए पसंद करो. हुक्म है कि किसी को खराब माल न बेचो. ग्राहक के साथ धोखाधड़ी न करो. मुनाफा कमाने के चक्कर में सामान की कीमत बढ़ने की उम्मीद में माल की जमाखोरी नहीं करो. माल कम मत तौलो और मुनाफा कमाने के लिए ग्राहकों से झूठ मत बोलो. उसे सही कीमत बताओ.


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माल का नुक्स न छिपाओ
इस्लाम में बताया गया है कि जब तुम कोई माल बेचो, तो उसका नुक्स खरीददार से न छिपाओ. ये हुक्म है कि अगर आपके माल में कोई खराबी है तो खरीददार को उसके बारे में बताओ.


मेहनत की कमाई 
मेहनत से कमाई गई रोजी की बड़ी फजीलत है. एक हदीस में आता है कि अल्लाह ताला उस शख्स से मोहब्बत करता है, जो मेहनत करके अपनी रोजी कमाता है.


कारोबार में ईमानदारी
इस्लाम में बताया गया है कि अपने हाथ से काम करना और ईमानदारी से कारोबार करना कमाई का पाक जरिया है. प्रोफेट मोहम्मद ने फरमाया कि अपने हाथ की कमाई से ज्यादा बेहतर खाना कभी किसी ने नहीं खाया.


नाजायज हथकंडे
इस्लाम में बताया गया है कि जितना हो सके अपना कारोबार करते हुए झूठी बातों और झूठी कसमों से बचो. अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपके कारोबार में वक्ती तेजी आएगी, लेकिन बाद में बरकत खत्म हो जाएगी.


सच्चे व्यापारी का दर्जा
हजरत अबू सईद खुदरी (र.) ने कहा कि अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया: सच्चे और अमानतदार व्यापारी (आखिरत में) नबिनयों, सिद्दीकों और शहीदों के साथ रहेंगे.