लावारिस चीज नहीं होती है, उठाने वाले के बाप का माल; असली मालिक को खोजकर नहीं पहुँचाया तो...
Islamic Knowledge: इस्लाम हर चीज को हराम और हलाल की नजर से देखता है. इस्लाम में बताया गया है कि अगर आपको कोई भी चीज पड़ी मिले तो आप उसका क्या करेंगे.
Islamic Knowledge: इस्लाम में हर मामले को बहुत खोल-खोल कर बयान किया गया है. खाने-पीने और पहनने-ओढ़ने और पैसे कमाने के बारे में जायज तरीके को ही सही बताया गया है. ऐसे में इस्लाम में इस बात के बारे में भी बताया गया है कि अगर आपको कोई चीज पड़ी मिलती है तो उसका क्या करना है.
1. अगर आपको कहीं कोई चीज पड़ी मिल जाए तो उसको खुद लेना ठीक नहीं है, हराम है. अगर कोई पड़ी हुई चीज उठाए, तो उसे इस नीयत से उठाए कि उसके मालिक को ढूंढ कर दे देंगे.
2. अगर कोई चीज पाए और उसे न उठाए, तो कोई गुनाह नहीं है, लेकिन अगर यह डर हो कि अगर मैं न उठाउंगा, तो कोई और ले लेगा और जिसकी चीज है, उसको न मिलेगी, तो उसको उठा लेना और मालिक को पहुंचा देना वाजिब है.
3. जब किसी ने पड़ी हुई चीज उठाई तो अब मालिक का खोजना और खोज करके दे देना उसके जिम्मे होगा. अब अगर फिर वहीं डाल दिया या उठा कर अपने घर ले आए, लेकिन मालिक को नहीं खोजा तो गुनहगार होंगे, चाहे ऐसी जगह पड़ी हो कि उठाना उसके जिम्मे वाजिब नहीं था या ऐसी जगह हो कि उठा लेना वाजिब है. दोनों का यही हुक्म है. उठा लेने के बाद मालिक को खोज करके पहुंचाना वाजिब हो जाता है, फिर कहीं डाल देना जायज नहीं.
4. महफिलों में और मर्दों-औरतों के जमाव-जमघट में खूब पुकार कर खोजें कि हमने एक चीज पाई है, जिसकी हो आकर हमसे ले लें, लेकिन ठीक पता न दें कि क्या चीज पाई है, ताकि कोई धोका दही करके न ले ले. हां कुछ गोल मोल करके अधूरा पता बता दें.
5. बहुत खोजने और मशहूर करने के बाद जब बिल्कुल निराशा हो जाए कि अब इसका कोई वारिस न मिलेगा, तो उस चीज को खैरात कर दे, अपने पास न रखे. हां अगर वह खुद गरीब व मोहताज हो, तो खुद ही अपने काम में लाए. लेकिन खैरात करने के बाद अगर उसका मालिक आ गया तो उसके दाम ले सकता है और अगर खैरात करने को मंजूर कर लिया, तो उसको खैरात का सवाब मिल जाएगा.
6. पालतू कबूतर, तोता, मैना या कोई दूसरी चिड़िया उसके घर पर गिर पड़ी और उसने उसको पकड़ लिया, तो मालिक को खोज करके पहुंचाना वाजिब हो गया. खुद रख लेना हराम है.
7. बाग में आम या अमरूद वगैरह पड़े हैं, तो उनको बे इजाजत उठाना और खाना हराम है. हां अगर कोई चीज कम कीमत की है, ऐसी चीज को कोई नहीं खोजता और न उसके लेने और खाने से बुरा मानता है, तो उसको खा लेने में कोई बुराई नहीं, जैसे राह में एक बेर पड़ा मिला या एक मुट्ठी चने के बूटे मिले.
8. किसी मकान या जंगल में खजाना या कुछ गड़ा हुआ माल निकल आया, तो इसका भी यही हुक्म है, जो पड़ी हुई चीज का है, खुद ले लेना जायज नहीं. खोज की कोशिश करने के बाद अगर मालिक का पता न चले, तो उसको खैरात कर दे और गरीब हो तो खुद भी ले सकता है.