नई दिल्ली. अगर आप अपने बैंक से नए एटीएम या डेबिट कार्ड के लिए दरख्वास्त करते हैं और वह तयशुदा वक्त पर आप तक नहीं पहुंच पाता है तो आपको कितनी परेशानी उठानी होती है. आपकी मुश्किलों में तब और इजाफा हो जाता है जब आपको एटीएम या डेबिट कार्ड की सख्त जरूरत हो और जल्दबाजी हो, लेकिन एटीएम मिलने में हो रही ताखीर की आपको कोई वजह भी नहीं मालूम होती है। ऐसे हालात में आपको पता ही नहीं होता है कि इस ताखीर के लिए कौन जिम्मेदार है और कहां शिकायत करने पर आपको इस परेशानी का हल मिलेगा. 
एक बैंक कस्टमर के साथ ऐसी ही परेशानी पेश आने पर उसके एसबीआई बैंक न उसे कुछ जरूरी सलाह और हिदायतें दी थी जो एसबीआई समेत दीगर बैंकों के कस्टमर्स के लिए भी कार आमद साबित हो सकती हैं. एसबीआई ने सोशल मीडिया पर ही जानकारी दी कि एटीएम घर पर नहीं आने के हालात में एक कस्टमर को कहां जाना चाहिए और क्या करना चाहिए?
कहां अटक जाता है आपका कार्ड 
ज्यादातर बैंक अपने कस्टमर्स को कोई भी दस्तावेज भेजने के लिए सरकारी पोस्ट ऑफिस का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में जब कभी उनके बैंक से भेजा गया कोई दस्तावेज या कोई चीज समय पर नहीं पहुंचती है तो सबसे पहले अपने इलाके के पोस्ट ऑफिस में इसकी जानकारी हासिल करनी चाहिए.  अगर पोस्ट ऑफिस की तरफ से वक्त पर कंसाइनमेंट की डिलिवर नहीं होती है तो पोस्ट ऑफिस इसे वापस बैंक भेज देता है. इसके बाद बैंक उस कार्ड या सामान को कस्टमर्स के नजदीकी ब्रांच में भेज देता है जहां से कस्टमर्स उसे आसानी से हासिल कर सकता है. लेकिन इसके लिए कस्टमर्स को अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट्स और पासबुक लेकर बैंक के ब्रांच में जाना होगा. बैंक के मुताबिक इस पूरे प्रोसेस को 10-15 दिन का वक्त लग सकता है. 


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एटीएम/ डेविट कार्ड सर्विस के लिए बैंक लेता है पैसा 
कोई भी बैंक अपने कस्टमर्स को एटीएम या डेबिट कार्ड की खिदमत मुफ्त में नहीं देता है. इसके लिए वह सालाना कुछ पैसे वसूल करते हैं. एसबीआई भी अपने ग्राहकों से सालाना खाते से 147 रुपये काट लेता है. बैंक का कहना है कि वह एटीएम यानी डेबिट कार्ड के लिए मैनेटिनेंस चार्ज काटते हैं. 
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