Assam Muslim News: लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मंगलवार को इल्जाम लगाया कि असम के मुख्यमंत्री जब भी दबाव में होते हैं, तो समाज को बांटने में लग जाते हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सर्मा ने बिते कल कहा कि वह पक्षपात करेंगे और ‘मिया’ मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे. इसके कुछ ही घंटों बाद गोगोई ने यह इल्जाम लगाया. नगांव जिले के धींग में सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद सर्मा के हाल के बयानों पर रिएक्शन देते हुए गोगोई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "जब भी मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सर्मा दबाव में होते हैं, तो वह समाज को बांटने की कोशिश करते हैं"


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सर्मा पर इल्जाम
कांग्रेस नेता ने यकीन दिलाया कि असम के लोग सर्मा से ज्यादा समझदार हैं और वे उनकी "बांटने वाली बयानबाजी" में नहीं फंसेंगे. गोगोई ने कहा, "वह जानते हैं कि एक मुख्यमंत्री के तौर पर नाकाम रहे हैं. असम के लोग एकजुट रहेंगे और 2026 में उनकी अहंकारी सरकार को वोट न देकर सत्ता से बाहर कर देंगे." राज्य में औरतों के खिलाफ बढ़ते जुल्म से पैदा हुई हालत पर बातचीत के लिए विधानसभा में चार स्थगन प्रस्तावों पर सर्मा ने कहा कि कांग्रेस और AIUDF के बीच अल्पसंख्यक वोटों के लिए खींचतान है, लेकिन वह इस दौड़ में नहीं हैं. 


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क्या है पूरा मामला?
जब विपक्ष के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री पर पक्षपात का इल्जाम लगाया तो उन्होंने कहा, "मैं पक्षपात करुंगा. आप क्या कर सकते है?" सर्मा ने आगे कहा, "लोअर असम के लोग अपर असम क्यों जाएंगे? ताकि मिया मुस्लिम असम पर कब्जा कर लें? हम ऐसा नहीं होने देंगे." बांग्लाभाषी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए ‘मिया’ शब्द का इस्तेमाल विरोध स्वरूप किया जाता रहा है और गैर-बांग्ला भाषी लोग आमतौर पर उन्हें बांग्लादेशी प्रवासी बताते हैं. पिछले कुछ साल में गैर-बांग्ला भाषी समुदाय के लोगों ने इस शब्द का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. नगांव जिले के धींग में 22 अगस्त की शाम को 14 साल की एक लड़की के साथ तीन लोगों ने उस समय कथित तौर पर बलात्कार किया था, जब वह ट्यूशन से साइकिल पर घर लौट रही थी.