प्रयागराजः उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला और करेली क्षेत्र में पुलिस पर पथराव की घटना के कथित ‘मास्टरमाइंड’ मोहम्मद जावेद का अवैध रूप से निर्मित दो मंजिला बंगला इतवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. मोहम्मद जावेद आफरीन फातिमा के पिता है. आफरीन फातिमा एक सोशल एक्टिविस्ट हैं और वह कई आंदोलन का हिस्सा रही हैं. मकान ध्वस्त होने के बाद सोशल मीडिया पर आफरीन फातिमा के समर्थन में कई लोगों ने पोस्ट किया और इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताया है. आफरीन के समर्थन में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया है, ’’जेएनयू से आ रही इस खबर को लेकर हैरान हूं कि छात्रा के परिवार का घर गिरा दिया गया है. कानून की नियत प्रक्रिया के तहत कार्रवाई लोकतंत्र में मौलिक अधिकार है. घर गिराने की कार्रवाई किस कानून के तहत और किस प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई है?’’ 



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कौन हैं आफरीन फातिमा 
आफरीन फातिमा के फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, आफरीन फातिमा ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरु युनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. वह एएमयू की महिला कॉलेज की पूर्व छात्र नेता भी रह चुकी हैं. फिल्हाल वह जेएनयू की छात्र और स्टूडेंट यूनियन की सभासद हैं. आफरीन फातिमा की पहचान सीएए आंदोलन से भी जुड़ी है. उन्होंने प्रयागराज में इस आंदोलन में हिस्सा लिया था. जेएनयू में भी वह छात्र आंदोलनों से जुड़ी रही हैं. आफरीन हिजाब बैन के दौरान भी काफी मुखर रही और आंदोलन का समर्थन किया था. वह सीएए आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्र नेताओं के समर्थन और उनकी रिहाई के लिए चलाए गए आंदोलन में सक्रिय रही हैं. रविवार को आफरीन फातिमा के समर्थन और योगी सरकार के विरोध में जेएनयू के छात्रों ने प्रदर्शन भी किया. छात्रों ने ट्वीटर पर स्टैंडविदआफरीनफातिमा हैशटैग भी ट्रेंड कराया.   


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जावेद के नाम नहीं था मकान, कार्रवाई गलत हुई हैः वकील 
इस बीच जावेद के वकील केके राय ने कहा है कि यह बंगाला जावेद का था ही नहीं. केके राय ने कहा है कि यह बंगला जावेद की पत्नी यानी प्रवीण फातिमा के नाम था. केके राय ने कहा कि जो संपत्ति आरोपी के नाम पर ही नहीं है, उसे सरकार गिरा केसे सकती  है. वकील ने कहा कि हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर जाएंगे. सरकार को नया घर बनाकर देना होगा. जिन अधिकारियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिसा है, उनके खिलाफ सख्त कारवाई की मांग करेंगे.


मकान की तलाशी मेंआपत्तिजनक सामान भी मिले हैंः एसएसपी 
वहीं, सएसपी अजय कुमार ने बताया कि ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस ने मकान की तलाशी भी ली जिसमें कई आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं. इनमें अवैध असलहे और आपत्तिजनक पोस्टर आदि शामिल हैं जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है और उन्हें तफ्तीश में शामिल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मकान से बरामद सामानों में 12 बोर का एक अवैध तमंचा, 315 बोर का एक अवैध तमंचा और कई कारतूस शामिल हैं. इसके अलावा, कुछ कागजात बरामद हुए हैं जिनमें माननीय न्यायालय पर तल्ख और आपत्तिजनक टिप्पणी जावेद द्वारा की गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तलाशी के दौरान कई साहित्य, किताबें भी मिली हैं जिनकी पड़ताल की जाएगी.


मकान नक्शा पास कराए बगैर बनाया गया थाः पीडीए 
प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के एक अधिकारी ने बताया कि जावेद का मकान पीडीए से नक्शा पास कराए बगैर बनाया गया था जिसके लिए उसे 10 मई, 2022 को नोटिस जारी किया गया था और उसे अपना पक्ष रखने के लिए 24 मई, 2022 की तारीख दी गई थी. तयशुदा तारीख पर जावेद या फिर उनका वकील नहीं आया और ना ही कोई अभिलेख पेश किया गया, इसलिए 25 मई को ध्वस्तीकरण का आदेश पास किया गया.


कुल 91 लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की गई
उल्लेखनीय है कि पैगंबर मोहम्मद साहब पर भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा द्वारा किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ  पिछले शुक्रवार को प्रयागराज में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. पुलिस का आरोप है कि माहम्मद जावेद ने इस मामले को भड़काया था. एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि घटना के 24 घंटे के भीतर कुल 68 उपद्रवियों को हिरासत में लेकर न्यायिक अभिरक्षा में भेजने की कार्रवाई की गई. इसमें 64 बालिग और चार नाबालिग हैं। इस प्रकार से अब तक कुल 91 लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि अन्य 23 लोगों के खिलाफ सबूत एकत्र किए जा रहे हैं और सबूत मिलने पर ही कार्रवाई होगी, बेकसूर पर कार्रवाई कतई नहीं होगी. 


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