Jharkhand Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने झारखंड की धनबाद सीट से प्रत्याशी के नाम पर आखिरकार फाइनल मुहर लगा दी. कांग्रेस ने इस बार यहां से ऐसे चेहरे पर दांव खेला है, जिनका अब तक सीधे तौर पर सक्रिय सियासत से ताल्लुक नहीं है. नाम है अनुपमा सिंह.


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हालांकि, उनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि उनके पति जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह बोकारो जिले की बेरमो विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर टिकट की दौड़ में कई दिग्गजों के अलावा अनुपमा के देवर और यूथ कांग्रेस के नेता कुमार गौरव भी शामिल थे.


जेपीसीसी ने कांग्रेस हाईकमान के पास कुमार गौरव का नाम उम्मीदवारी के लिए आगे बढ़ाया था. लेकिन, अनुपमा के विधायक पति की लॉबिंग सबसे मजबूत साबित हुई. अनुपमा सिंह की सियासत में निजी पहचान भले न हो, लेकिन उनका ताल्लुक कोयलांचल के चर्चित सियासी घराने से है, जिनका उन्हें इस बार चुनावी मैदान सीधे तौर पर फायदा होता हुआ दिखाई रहा है. जानकार बताते हैं कि इस सीट से कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को टिकट देकर सधी हुई चाल चल दी है.
 
विरासत में मिली सियासत 
अनुपमा के दिवंगत ससुर राजेंद्र सिंह बेरमो सीट से छह बार विधायक रहे थे. वह दशकों तक कांग्रेस के लेबर ऑर्गेनाइजेशन 'इंटक' के नेशनल सेक्रेटरी रहे और इस वजह से ऑल इंडिया लेवल पर उनकी पहचान ट्रेड यूनियन लीडर के तौर पर रही.


मई 2000 में उनके इंतकाल के बाद उनके बेटे जयमंगल सिंह और कुमार गौरव ने उनकी सियासी विरासत संभाली. राजेंद्र सिंह ने जीवित रहते दोनों बेटे की सियासत में एंट्री करा दी थी. उनके इंतकाल के बाद बेरमो सीट पर हुए उपचुनाव में उनके बेटे को कांग्रेस ने टिकट दिया. जबकि, कांग्रेस ने  राजेंद्र सिंह के छोटे बेटे कुमार गौरव को झारखंड प्रदेश यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया. फिलहाल वह राज्य यूथ कमीशन के अध्यक्ष हैं.


अनुपमा के परिवार की इस वजह से होती है चर्चा 
सियासी रसूख और पैसे को लेकर इस परिवार की चर्चा पूरे झारखंड में होती रही है. यह पहली बार है, जब परिवार की बहू की सियासत में सीधे सांसद कैंडिडेट के तौर पर पदार्पण कर रही है. फिलहाल उनका सोशल मीडिया पर कोई ऑफिशियल अकाउंट तक नहीं है.


अनुपमा ने पटना के मशहूर कॉलेज से की है पढ़ाई
कांग्रेस नेता अनुपमा सिंह के पिता पेशे डॉक्टर हैं और बिहार किसी जिले में बतौर सिविल सर्जन के पद पोस्टेड हैं. अनुपमा ने बताया कि उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है.


अनुपमा सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार बनाने के फैसले ने हर किसी को चौंका दिया है, क्योंकि इसके पहले साल 2019 में भी कांग्रेस ने धनबाद सीट पर पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को अचानक मैदान में उतारकर सबको हैरान कर दिया था.  इस चुनाव में कीर्ति आजाद की करारी हार हुई थी.   हालांकि, कांग्रेस ने इस बार किसी बाहरी कैंडेडिडेट को टिकट नहीं देकर घर को धनबाद लोकल को टिकट देकर कांग्रेस नेताओं में पॉजिटिव मैसेज दिया है. क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बाहरी उम्मीदवार को उतारकर परिणाम भुगत लिया है.   


बहरहाल, अनुपमा की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद उनके पति विधायक जयमंगल सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है.  इस सीट पर अनुपमा का सीधा मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी ढुल्लू महतो से होगा.