बैंकर से सांसद और फिर सांसदी जाने तक, जानिए महुआ मोइत्रा की पूरी कहानी
हाल ही में शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को TMC संसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. उन पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे हैं.
Mahua Moitra Lok Sabha Membership: TMC नेता महुआ मोइत्रा को शुक्रवार (8 दिसंबर) को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे लगभग आधा घंटे सदन में चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दी गई. पिछले 9 नवंबर को बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमेटी (आचार समिति) ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट मंजूर की थी. महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने का मामला बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों से शुरू हुआ था. यह मामला शुक्रवार को दिन भर संसद में चर्चे का मुद्दा बना रहा जिसके दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने महुआ का समर्थन किया, जबकि बीजेपी के सांसदों ने टीएमसी सहित पूरे विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. लेकिन आपके ज़हन में ये बात जजरूर आई होगी की आखिर चर्चाओं का केंद्र में रहने वाली महुआ मोइत्रा आखिर है कौन?
TMC नेता महुआ मोइत्रा को कैश फॉर क्वेरी मामले में उनकी संसदीय सदस्यता समाप्त कर दी गई. सदन ने ध्वनि मत से महुआ मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने के एथिक्स कमेटी के फैसले पर महर लगा दी. इस सफलतापूर्ण 14 सालों के राजनीतिक सफर में महुआ ने इन्वेस्टमेंट बैंकर से सांसद बनने का सफर तय किया. लेकिन कैश फॉर क्वेरी मामले ने उन्हें चुनौती दे दी. हालाँकि, महुआ संसद में अपने विवादित भाषणों और बयानों को लेकर अक्सर चर्चे में रही हैं मगर कैश फॉर क्वेरी मामला ने उनकी संसदीय खेल को समय से पहले ही खत्म कर दिया.
क्या है कैश फॉर क्वेरी मामला?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वरा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में महुआ मोइत्रा पर पैसे के बदले सवाल पूछने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि मोइत्रा ने रियल ईस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के व्यवसायिक हितों की रक्षा के लिए सवाल पूछे. इतना ही नही उनका यह भी कहना था कि हीरानंदानी के इशारों पर ही महुआ मोइत्रा द्वरा पूछे गये 61 सवालों में से 50 सवालों में अंबानी और अडानी को टारगेट किया. इसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह मामला एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया. बीजेपी सांसद विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमिटी द्वारा इस मामले की जांच शरू करते ही इस मामले पर बवाल बढ़ता गया. खुद पर लगे इल्जामों के जवाब में महुआ मोइत्रा ने संसदीय कमेटी पर अनर्गल सवाल पूछने के आरोप भी लगाए. ये मामला हाथ से तब निकला जब पूछताछ में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने इस बात का खुलासा किया कि मोइत्रा ने अपनी संसद id का लॉगिन और पासवर्ड उनके साथ शेयर किया था और उन्होंने महुआ की ओर से सवाल पोस्ट किए थे. एथिक्स कमेटी ने 6-4 के बहुमत से महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने का फैसला लिया.
चर्चाओं का केंद्र रहीं है महुआ मोइत्रा
47 वर्षीय महुआ मोइत्रा का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प कहानी है. हाल ही में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के साथ वायरल उनकी निजी तस्वीरों ने काफी सुर्खियाँ बटोरी. राजनीति में कदम रखने से पहले, उन्होंने न्यूयॉर्क और लंदन के जेपी मॉर्गन चेज में इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में कम किया था. 2008 में राहुल गांधी के प्रभाव में आकर उन्होंने जेपी मॉर्गन की वाइस प्रेजिडेंट पद से इस्तीफा दिया और सीधे रूप से राजनीति में कदम रखा. यूथ कांग्रेस से शुरू हुई सियासी यात्रा में, उन्होंने 2010 में तृणमूल कांग्रेस में अपने कदम रखे और फिर वहीं अपनी धाक भी जमा ली. 2016 में, उनकी भाषण क्षमता और जुझारू व्यक्तित्व के कारण महुआ ममता बनर्जी की बेहद करीबी बन गईं और 2016 के विधानसभा चुनाव में करीमपुर से विधायक बनीं. 2019 में, उन्होंने टीएमसी के उम्मीदवार के रूप में कृष्णानगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी नेता कल्याण चौबे को हराया.