Sheikh Shah Jahan: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम जब राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के 24 परगना पहुंची तो उस पर हमला कर दिया गया. हमले में कम से कम 3 अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए हैं. ED की टीम की गाड़ियों को भी तोड़ दिया गया. टीम तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां के यहां रेड डालने के लिए पहुंची थी. शाहजहां पर इल्जाम है कि वह राशन घोटाले में संलिप्त हैं. आइए जानते हैं शेख शाहजहां के बारे में.


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24 परगना में दबदबा
शेख शाहजहां पश्चिम बंगाल के 24 परगना गावं में रहते हैं. उन्हें यहां का बेताज बादशाह कहा जाता है. पश्चिम बंगाल का 24 परगना जिला बांग्लादेश की सरहद से सटा है. यहां के इलाके संदेशखली इलाके में शेरशाह का दबदबा है. शाहजहां इस इलाके से जिला परिषद का सदस्य है. वह सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं का नजदीकी है.


CPIM के नेता से करीबी
शाहजहां की पैदाइश बेहद गरीब परिवार में हुई. लेकिन आज वह एक बड़ी ताकत है. वामपंथी शासन के दौरान साल 2006 में सीपीआई (एम) के नेता मोस्लेम शेख की करीबी सहयोगी के तौर पर करियर की शुरूआत की. शाहजहां शेख के लिए पैसे उगाही करता था. इसके बाद शाहजहां ने मछली पालन और रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया. 


विवाद में आ चुका नाम
साल 2011 में जब पश्चिम बंगाल में दूसरी सरकार आई तो भी शाहजहां वामपंथी सरकार में था. साल 2013 में शाहजहां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया. तब से शाहजहां ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास आदमी है. साल 2019 में जब बीजेपी-टीएमसी के साथ हुए विवाद में तीन लोगों की मौत हो गई थी, तो इसमें शाहजहां का नाम आया था. लेकिन उसने कहा था कि उसको महज बदनाम करने की कोशिश है. 


बड़े नेताओं से करीबी
मकामी लोगों के मुताबिक शाहजहां साल 2006 से कई तरह के कामों में संलिप्त रहा, लेकिन उस पर कभी आंच नहीं आई. इसकी वजह यह है कि उसने हमेशा बड़े नेताओं के साथ दोस्ती रखी. इल्जाम है कि शाहजहां ने कई चुनावों में धांधली भी की, इसलिए वह बड़े लोगों के करीब रहा. 


हिरासत में शाहजहां
शाहजहां को प्रवर्तन निदेशालय ने अब हिरासत में लिया है. ईडी उससे पूछताछ करेगी. उस पर राशन घोटाले का इल्जाम है. ईडी की टीम राशन घोटाला मामले में ही उसके यहां पूछताछ करने के लिए पहुंची थी, लेकिन टीम पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया.