World Emoji Day: रंग बिरंगे इमोजी बनाने का यह था असल मकसद, जानिए पूरी कहानी
World Emoji Day: पूरी दुनिया विश्व इमोजी दिवस (World Emoji Day) मना रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इमोजी शब्द कहां से आया और इसे किसने बनाया अगर नहीं तो ये खबर पढ़ें.
World Emoji Day 2022: इंटरनेट के दौर में तकरीबन हर शख्स किसी न किसी से चैट या सोशल मीडिया पर बात करता है. बात के दौरान वह अपनी बातों में जज्बात को पैदा करने के लिए इमोजी का इस्तेमाल करते हैं. इमोजी छोटे पीले रंग के गोल और दूसरे आकार के टैटू जैसे होते हैं. इमोजी गम, गुस्से, खुशी और मजार का इज्हार करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
इमोजी के जरिए ही हमारे बात करने के तरीकों में बदलाव आया है. इमोजी के जरिए हम मैसेज के जरिए बातों के साथ अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर पाते हैं. कई स्मार्टफोन हमारे बात करने के तरीकों के हिसाब से इमोजी सुझाते हैं. इससे बात करने के साथ इमोशन को बताने में भी बहुत आसानी होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि इमोजी शब्द कहां से आया और इसे किसने बनाया है? अगर नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं.
यह है इमोजी का मतलब
आज 17 जुलाई को दुनियाभर में World Emoji Day मनाया जाता है. दरअसल इमोजी जापानी पोर्टमैंटू है, जिसमें 'इ' का मतलब 'पिक्चर' और इमोजी का मतलब 'कैरेक्टर' होता है. कहने मतलब यह है कि किसी शब्द या फीलिंग को संकेत के जरिए किसी दूसरे तक पहुंचाने को इमोजी कहा जाता है.
किसने बनाया इमोजी?
साल 1999 में जापानी मोबाइल ऑपरेटिंग कंपनी के एक इंजीनियर शिगेताका कुरिता (Shigetaka Kurita) ने इमोजी बनाया था. उन्होंने महसूस किया कि बात करने के दौरान कुछ ऐसी चीज होनी चाहिए जो लोगों तक अपनी फीलिंग भी पहुंचा सके. इसके बाद शिगोताका ने मोबाइल इंटीग्रेटेड सर्विस आई-मोड जारी करने के लिए 176 इमोजी बनाए.
सबसे पहला इमोजी
साल 2010 में यूनिकोड ने इमोजी को मान्यता दी. इसके बाद गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनियों ने इमोजी के एडिशन बनाने शुरू किए. साल 2013 में इमोजी शब्द को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में जोड़ दिया गया. सबसे पहली इमोजी दिल (Heart) प्रदर्शित की गई थी.
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