Arvinder Singh Lovely Resigns: अरविंदर सिंह लवली ने आखिर चुनाव के बीच में क्यों दिया इस्तीफा? सच आया सामने
Arvinder Singh Lovely Resigns: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच रविवार को अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन आम चुनाव के बीच में लवली ने पद से रिजाइन क्यों दिया आइए जानते हैं.
Arvinder Singh Lovely Resigns: दिल्ली कांग्रेस में इन दिनों काफी उथल-पुथल मची हुई है. लोकसभा चुनाव के बीच रविवार को अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि लवली ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है, उन्होंने सिर्फ अपने पद से इस्तीफा दिया है.
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने कांग्रेस से रिजाइन दिया था. चौहान शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे थे. लवली के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली कांग्रेस के सीनियर नेता सुभाष चोपड़ा ने उनसे मुलाकात की. सुभाष चोपड़ा ने बताया कि इस मुलाकात में उन्होंने लवली से जानना चाहा कि आखिर इस्तीफा क्यों दिया?
चोपड़ा ने बताया
चोपड़ा ने बताया कि अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि वे पार्टी आला कमान को अपने इस्तीफा का कारण बता चुके हैं. चोपड़ा ने इस फैसला को खुद और दूसरे साथियों के लिए चौंकाने वाला बताया. इसके साथ ही चोपड़ा ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है. अरविंदर सिंह लवली पार्टी में ही हैं और पार्टी के साथ हैं.
BJP का तंज
वहीं, अरविंदर सिंह लवली के पद से इस्तीफा पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज किया है. उन्होंने कहा, "फिर से एक बार 'टुकड़े-टुकड़े कांग्रेस' का सबूत मिला है. कांग्रेस के पास देश के लिए कोई मिशन नहीं है, बल्कि, कांग्रेस में केवल कंफ्यूजन, कांट्रडिक्शन और डिवीजन है."
लवली ने क्यों दिया इस्तीफा?
अरविंदर सिंह लवली ने चार पन्नों के लेटर में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) से हुए गठबंधन को अपने इस्तीफा का कारण बताया है. लवली का कहना है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर इल्जाम लगाकर बनी थी, फिर उससे अलायंस कैसे हो सकता है.
उन्होंने इस्तीफा देते हुए लिखा है, "दिल्ली कांग्रेस प्रदेश इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में 'आप' के साथ गठबंधन करने का फैसला किया."
वहीं, लवली ने DPCC में किसी सीनियर नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है. लवली के मुताबिक, "अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के बाद से, AICC महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने उन्हें DPCC में कोई भी वरिष्ठ नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है. डीपीसीसी के मीडिया चीफ के रूप में जिस नेता की नियुक्ति का दरख्वास्त उन्होंने किया था, उसे अस्वीकार कर दिया गया. AICC सेक्रेटरी (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को सभी ब्लॉक प्रमुखों की नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में 150 से ज्यादा ब्लॉकों में वर्तमान में कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है."