CBSE: एक जैसे नाम होने के वजह से बोर्ड ने एक छात्रा को शून्य अंक दिए , जिसकी वजह से वह 12वीं का एग्जाम नहीं दे सकी. दरअअल ऐसा बोर्ड की परीक्षा में दो छात्रों के एक जैसे नाम होने के वजह से हुआ है. जिस मामले की सुनवाई हरियाणा और पंजाब के हाईकोर्ट में हुई. स्कूल प्रशासन को यह लापरवाही काफी भारी पड़ी है, क्योकि कोर्ट ने स्कूल प्रशासन को न सिर्फ इस लापरवाही के लिए फटकार लगाई, बल्कि 30 हजार का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने बोर्ड को भी दोबारा से नए रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया है. 


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10वीं की बोर्ड परीक्षा में छात्रो के एक जैसे नाम होने की वजह से अंक आपस में बदल गए थे. जिसका नतीजा यह हुआ कि छात्रा को 2021 की बोर्ड परीक्षा में यानि की 10वीं में शून्य अंक मिले और वह 12वीं की परीक्षा नहीं दे सकी. 


कोर्ट की तरफ किया रुख
छात्रा ने इसके लिए कोर्ट में अपील की और अपने 10वी के अंक को सुधारने और बदलने की भी मांग की है. इस मामले के सुनवाई जस्टिस विकास कर रहे है, जिन्होनें कहा कि स्कूल प्रशासन के तरफ से की गई गलती न सिर्फ छात्रा को भुगतनी पड़ी बल्कि बोर्ड को भी इस मुकदमे का खर्च देना पड़ा, जबकि बोर्ड के तरफ से कोई गलती नही की गई है.


यह भी कहा गया है कि छात्रा ने जब अंको के सुधार के लिए सीबीएससी से मांग की तो बोर्ड की तरफ से कहा गया कि स्कूल ने समय रहते बदले हुए संशोधित अंक ऑनलाइन पोर्टल पर जमा नहीं किए थे. छात्रा के बार-बार अनुरोध करने पर स्कूल ने कहा कि उनके आवेदन को बोर्ड के पास भेज दिया गया है. कोर्ट की जांच-पड़ताल करने के बाद मालूम हुआ कि नोटिस देने के बाद स्कूल ने किसी तरह का कोई सपोर्ट नहीं किया था.


30 हजार का जुर्माना 
इस मामले की सुनवाई में कोर्ट ने यह भी कहा है- "बताया गया है कि छात्रा ने 11वीं की परीक्षा दी है, लेकिन स्कूल की गलती के वजह से 12वीं की परीक्षा नहीं दे सकी. अगर छात्रा के पक्ष में सही अंक के निर्देश नहीं दिए जाएगे तो उनका मुस्तकबिल खतरे में पड़ सकता है." इस लापरवाही के लिए कोर्ट ने स्कूल पर 30 हजार का जुर्माना लगाया है और यह सीबीएससी को देने को कहा है.