Nitin Gadkari: ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि अपोज़ीशन नेता अपने सत्ता में बैठे किसी अन्य नेता की तारीफ़ करें, लेकिन कुछ लीडर होते हैं जो अपने विरोधियों के दिल में भी जगह बना ही लेते हैं. केंद्र में काबिज़ भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ऐसे नेता हैं जिनकी अपोज़ीशन के लीडर भी तारीफ करते हैं. हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तारीफ़ की है, उस नेता का ये हैं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी. जो केंद्र सरकार की रोड ट्रांस्पोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री देख रहे हैं. 


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तेजस्वी यादव ने बीजेपी नितिन गडकरी की तारीफ़ में कहा कि वे मुल्क़ की तरक्की को सबसे पहले रखते हैं. दरअसल केंद्रीय ट्रांसपोर्ट नितिन गडकरी ने सोमवार को बिहार के रोहतास जिले में सोन नदी पर 210 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 1.5 किलोमीटर लंबे पुल का संगे-बुनियाद रखा. इस दौरान बिहार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मंच पर मौजूद थे. मंच से अपने ख़िताब में तेजस्वी गडकरी की तारीफ करने लगे. 


तेजस्वी यादव ने कहा कि नितिन गडकरी जैसे मंत्री अगर केंद्र में हों तो कोई दिक्कत ही नहीं रहेगी. हमारी विचारधाराओं में फर्क रहने के बावजूद, नितिन गडकरी केंद्र में इकलौते ऐसे लीडर हैं जो सियासत से परे काम करते हैं. उनके लिए राज्यों और मुल्क की तरक़्की पहले है और बाक़ी मुद्दे बाद में आते हैं. तेजस्वी ने आगे कहा कि तरक़्की के मामले में सियासत से ऊपर उठकर काम करना चाहिए. तेजस्वी ने यह भी कहा कि उन्हें गडकरी से बहुत कुछ सीखने को मिला है. अगर उनके जैसे और वज़ीर केंद्र में रहते, तो बिहार जैसी गरीब रियासतों की तरक़्क़ी तेज़ रफ़्तार से होती.



इस मौके पर गडकरी ने भी तेजस्वी यादव को प्रोजेक्ट के प्रस्ताव लेकर दिल्ली आने का न्यौता दिया. उन्होंने कहा कि मैं तेजस्वी यादव को दिल्ली आने की दावत देता हूं. मैं उन्हें बिहार के हर मंसूबे को मंजूरी देने की यक़ीन दहानी कराता हूं. बिहार की तरक्क़ी हमारी प्रथामिकता है. मैं कभी भी पार्टी, किसी ख़ास इलाक़े या चुनिंदा राज्य की बुनियाद पर काम नहीं करता.


आपको बता दें कि नितिन गडकरी को बहुत साफ नेता माना जाता है. वो भी अपोज़ीशन के नेताओं की तारीफ करते रहते हैं. हाल हा में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ़ की थी. गडकरी ने कहा था कि 1991 में फाइनांस मिनिस्टर के तौर पर मनमोहन सिंह के ज़रिए शुरू किए गए इक्तेसादी सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दी. जिसकी वजह से एक उदार अर्थव्यवस्था की शुरुआत हुई है.


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