National Voters Day 2024: कहा जाता है कि बेलट (ballot) बुलेट (Bullet) से भी ज्यादा ताकतवर होता है. क्योंकि वोट किसी लोकतांत्रिक देश का मुस्तक़बिल तय करते हैं, किसी भी देश की सत्ता कैसे नेताओं के पास होगी ये उस देश के वोटर तय करते हैं. भारत दुनिया का सबसे बढ़ा लोकतंत्र है, अमेरिका के पहले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र के लिए कहा था, "लोकतंत्र जनता की, जनता के द्वारा और जनता के लिए सरकार है." हर साल वोट देने के लिए और वोटर्स को उनकी जिम्मेदारियों से जागरुक कराने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) मनाया जाता है. 


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वोट देना हमारी नागरिक ज़िम्मेदारी है और यह वो ताकत है जिसके ज़रिए से हमारे देश के संविधान ने हमें हमारे अविभाज्य अधिकारों की गारंटी दी है. इस साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस का 14वां संस्करण मनाया जा रहा है, आइये जानते हैं इससे जुड़ी कुछ बातें. 


मतदाता दिवस शुरुआत 
ज़्यादा से ज्य़ाद नौजवानों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 25 जनवरी, 2011 को पहली बार मतदाता दिवस की शुरुआत हुई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसको लेकर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. उस वक्त तत्कालीन सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने बताया था कि 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नए मतदाता मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इस मुद्दे के जवाब में चुनाव आयोग ने भारत भर के सभी मतदान केंद्रों पर हर साल 1 जनवरी को 18 साल की उम्र तक पहुंचने वाले सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करने के लिए एक नेशनल मुहिम चलाने का सोचा. मुहिम के जरिए चुनाव आयोग हर साल ऐसे मतदाताओं का नामांकन करेगा और उन्हें हर साल 25 जनवरी को चुनावी फोटो पहचान पत्र (EPIC) दिया जाएगा. 


क्या है इस साल की थीम? 
नेशनल वोटर डे 2024 की थीम 'वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से वोट करता हूं' रखी गई है. भारत के चुनाव आयोग द्वारा इस साल नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चीफ़ गेस्ट होंगी और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी समारोह में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में मालदीव, फिलीपींस, रूस, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख और प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.